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________________ १५. अववे, १६. हूहूयंगे, १७. हूहूए, १८. उप्पलंगे, १९. उप्पले, २०. पउमंगे, २१. पउमे, २२. नलिणंगे, २३. नलिणे, २४. अत्थणिउरंगे, १५. एह अवव ना अंग नैं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणीजै । एक अवव कहिये तसुं, अंक सौल बिंदु चाली लीजै ॥ पूर्वे अवव कह्यो तसं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक हुहूक नों अंग छ, अंक अठारै पैंताली बिंदु ॥ १७. एह हुहूक ना अंग नैं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक हुहुक कहिये तसुं, अंक वीस पचास है बिंदु । १८. पूर्वे हूहूक कह्यो तसुं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक उत्पल नों अंग छै, अंक बावीस पचपन बिंदु । १६. एह उत्पल ना अंग नै, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक उत्पल कहिये तस, अंक चोवीस साठ है बिंदु । २०. पूर्वे उत्पल कह्यो तसुं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक पद्म नों अंग छै, अंक छबीस पैंसठ बिंदु ॥ २१. एह पद्म ना अंग नैं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक पद्म कहिये तसु, अंक सतावीस सित्तर बिंदु ॥ २२. पूर्वे पद्म कह्यो तसु, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक नलिन नों अंग छै, अंक गणतीस पचंतर बिंदु ॥ २३. एह नलिन ना अंग नै, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक नलिन कहियै तसं, अंक इकतीस अस्सी बिदु ॥ २४. पूर्वे नलिन कह्यो तसुं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । इक अर्थ निपुर नों अंग छै, अंक तेतीस पच्यासी बिंदु । २५. ए अर्थ निपुर ना अंग नैं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । इक अर्थ निपुर कहियै तसु अंक पैंतीस नेउ बिंदु ॥ २६. अर्थ निपुर कह्यो तसु, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक अयुत नों अंग छै, अंक सैंतीस पचाणू बिंदु । २७. एह अयुत ना अंग ने, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक अयुत कहिये तसु, अंक गण चालीस सौ बिंदु ॥ २८. पूर्वे अयुत कह्यो तस्, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक नयुत नों अंग छै, अंक इकताली इकसौ पंच बिंदु ।। २६. एह नयुत ना अंग ने, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक नयुत कहियै तसु, अंक तयांली इकसौ दस बिंदु ।। ३०. पूर्वे नयुत कह्यो तसु, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक प्रयुत नों अंग छै, अंक पैंताली इकसौ पनर बिंदु ॥ ३१. एह प्रयुत ना अंग नैं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक प्रयुत कहियै तसुं, अंक सैंताली इकसौ बीस बिंदु । ३२. पूर्वे प्रयुत कह्यो तसुं, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक चलिका नों अंग छै, अंक गणपचा सवासौ बिंदु ॥ ३३. एह चुलिका ना अंग ने, वर्ष चउरासी लक्ष गुणिदु । एक चूलिका कहिये तसुं, अंक एकावन इकसौ तीस बिंदु ॥ २५. अत्थणिउरे, २६. अउयंगे, २७. अउए, २८. णउयंगे, २६. णउए, ३०. पउयंगे, ३१. पउए, ३२. चूलियंगे, ३३. चूलिया, श०५, उ०1, ढाल ७५ ९ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003618
Book TitleBhagavati Jod 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1986
Total Pages582
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size17 MB
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