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________________ ४८. अवधिज्ञानी जे देवता, उपयोग-सहित रहीत । विभंग-अनाणी देवादि नैं, जाण देखे वर रीत ॥ ४६. अवधिज्ञानी जे देवता, उपयोग-सहित रहीत । अवधिज्ञानी देवादिक प्रतै, जाणें देखें तसं रीत ॥ ४८. विसुद्धलेसे देवे समोहयासमोहएणं अप्पाणेणं अविसु द्धलेसं देवं । ४६. विसुद्धलेसे देवे समोहयासमोहएणं अप्पाणेणं विसुद्धलेसं देवं । (श० ६।१६६) सोरठा ५०. चिहुं भंग सम्यक्त्व रीत, उपयोगी जाण तथा । उपयोग-सहित रहीत, ते पिण जाणे देखिये ।। ५१. उपयोग-अणउपयोग-पक्षे जे उपयोग न । अंश अधिक सुप्रयोग, ज्ञान हेतु छै ते भणो ।। ५२. विकल्प अठ जे आदि, नवि जाणें देखे नहीं । ऊपरलै चिहुं साधि, ते जाणे नै देखियै ॥ ५०. एभिः पुनश्चतुभिर्विकल्पः सम्यग्दृष्टित्वादुपयुक्तत्वा नुपयुक्तत्वाच्च जानाति । (वृ० ५० २८४) ५१. उपयोगानुपयोगपक्षे उपयोगांशस्य सम्यग्ज्ञानहेतुत्वादिति । (वृ० प० २८४) ५२. एवं हेढिल्लएहि अहिं न जाणइ, न पासइ उवरि ल्लएहिं चरहिं जाणइ-पासइ । दूहा ५३. वाचनांतरे सर्व ही, दीस छै. साख्यात । विकल्प जे आळू तणो, जुओ-जुओ अवदात ।। ५४. *सेवं भंते! अंक गणंतर तणों, एकसौ नवमी ढाल । भिक्ष भारीमाल ऋषिराय थी, 'जय-जश' मंगल माल । षष्ठशते नवमोद्देशकार्थः ॥६६॥ ५३. वाचनान्तरे तु सर्वमेवेदं साक्षाद् दृश्यत इति । (वृ० प० २८४) ५४. सेवं भंते । सेवं भंते ! ति। (श०६।१७०) ढाल : ११० १. प्रागविशुद्धलेश्यस्य ज्ञानाभाव उक्तः, अथ दशमोदेशकेऽपि तमेव दर्शयन्निदमाह- (वृ० प० २८४) दूहा १. नवम उद्देशक – विषे, अविशुद्ध लेस्यावंत । ज्ञान अभाव कह्य तसु, दसमें तेहिज हुंत ॥ गोयम प्रभुजी सूं वीनवै रे लाल । (ध्र पदं) २. अन्यतीर्थी प्रभ! इम कहै रे लाल, जावत इम परूपंत हो, जिनेंद्र देव! राजगृह नगर विषे अछ रे लाल, जीव जेतला हुंत हो, जिनेंद्र देव! * लय : राधा प्यारी हे ले नी झखोलो ठंडा नोर नो + लय : पुन नोपज सुभ जोग सूं १. यह जोड़ जिस पाठ के आधार पर की गई है, वह अंगसुत्ताणि के पादटिप्पण . ३ पृ. २६७ में है। २. अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति जावतिया रायगिहे नयरे जीवा, १९८ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003618
Book TitleBhagavati Jod 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1986
Total Pages582
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size17 MB
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