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प्रज्ञापुरुष जयाचार्य
साढ़े तीन लाख पच-परिमाण साहित्य के कीर्तिमान रचनाकार तेरापंथ के परम यशस्वी चतुर्थ आचार्य ।
जन्म : वि० सं० १८६० आसोज शुक्ला चतुर्दशी दीक्षा : वि० सं० १८६६ फाल्गुण कृष्णा द्वादशी
अग्रणी : वि० सं० १८८१ पौष शुक्ला द्वादशी युवाचार्य पद : वि० सं० १८६४ आषाढ़ आचार्य पद : वि० सं० १९०८ माघ शुक्ला पूर्णिमा
निर्वाण : वि० सं० १९३८ भाद्रपद कृष्णा द्वादशी निर्वाण-शताब्दी : वि० सं० २०३७-३८ माघ शुक्ला सप्तमी
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