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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
२७. भोगीलाल साण्डेसरा, महामात्य वस्तुपाल का साहित्य मण्डल और संस्कृत साहित्य को उसके देन, सन्मति ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक १५, वाराणसी १९५७ ई० सन्, पृ० ३६-३८.
२८. धर्माभ्युदयमहाकाव्य, संपा० मुनि पुण्यविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ४, वि० सं० २००५.
२९. वही, प्रशस्ति, पृ० १८८ - १९० .
३०. बुद्धिसागरसूरि, संपा०, जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १, लेखांक १४२६. ३१. पुरातनप्रबन्धसंग्रह, संपा०, मुनि जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक २, शान्तिनिकेतन १९३६ ई० सन्, पृ० १३६.
३२. चन्द्रप्रभचरित, संपा० - संशोधक, विजयजिनेन्द्रसूरि, श्री हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, लाखाबावल, शान्तिपुरी, सौराष्ट्र वि० सं० २०४२, प्रशस्ति, पृ० ३९५.
३३. वासुपूज्यचरित, जैन धर्म प्रचारक सभा, भावनगर वि० सं० १९८२ / ई० सन् १९२६, प्रशस्ति, पृ० १६० - १६१.
शिवनारायण पाण्डेय - "श्री अजाहरा पार्श्वनाथ जैन तीर्थथी मणि आवेला अमुक शिल्पो", स्वाध्याय, पु० १७, अंक १, पृ० ४५-४७.
३४.
३५. मधुसूदन ढांकी – “स्याद्वादमंजरीकर्तृ मल्लिषेणसूरिना गुरु उदयप्रभसूरि कोण" ? सामीप्य, अप्रैल १९८८, सितम्बर १९८८, पृष्ठ २०-२६.
३६. द्रष्टव्य, सन्दर्भ संख्या ३३.
३७.
आचार्य गिरजाशंकर वल्लभजी शास्त्री, संपा०, गुजरातना ऐतिहासिक लेखो, भाग ३, श्री फार्बस गुजराती सभा ग्रन्थावली १५, श्री फार्बस गुजराती सभा, मुम्बई १९४२ ई० सन्, पृ० २१०.
३८. ढांकी, पूर्वोक्त.
३९. बुद्धिसागरसूरि, संपा० जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १, बड़ोदरा १९१७ ई० सन्, पृ० १६, लेखांक ३४.
४०. स्याद्वादमंजरी, संपा०, आनन्दशंकर बापूभाई ध्रुव, बम्बई १९३२ ई० सन्, प्रशस्ति, पृ० १७९-१८०.
४१. मोहनलाल दलीचन्द देसाई जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, पृ० ४१६,
कंडिका ६०१.
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आनन्दशंकर बापूभाई ध्रुव, पूर्वोक्त, पृष्ठ XIII, "अंग्रेजी प्रस्तावना ", भगवानदास गाँधी, ऐतिहासिकलेखसंग्रह, पृ० २.
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लालचन्द
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