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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
६अ. मोहनलाल दलीचंद देसाई, जैनसाहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, द्वितीय संस्करण,
संपा० आचार्य विजय मुनिचंद्रसूरि सूरत ई० सन् २००६, कंडिका ५५८, पृष्ठ २५८.
७.
८.
१०.
C. D. Dalal
A Descriptive Catalogue of Mss. In the Jaina Bhandars at Pattan, P. 14.
A. P. Shah : Catalogue of Sanskrit and Prakrit Mss. Muni Shree Punya Vijayaji's Collection, Vol. II, L. D. Series No. 6, Ahmedabad 1965 AD. Pp 217-218.
Sangitopanisat-Saroddhara, Ed. U. P. Shah, G.O.S. No. 133, Baroda 1961 A.D.
११.
द्रष्टव्य : संदर्भ क्रमांक ६ ।
१२. मोहनलाल दलीचंद देसाई : जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, पृष्ठ ३८९ ।
१३. भोगीलाल सांडेसरा : महामात्य वस्तुपाल का साहित्यमंडल और संस्कृत साहित्य में उसकी देन, सन्मति प्रकाशन नं० १५, वाराणसी १९५९ ईस्वी, पृष्ठ
१०१-१०४.
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अलंकारमहोदधि, संपा० पं० लालचन्द भगवानदास गांधी, गायकवाड प्राच्य ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक XLV, बडोदरा १९४२ ईस्वी, प्रशस्ति, पृष्ठ ३३९-३४०. पं॰ लालचन्द भगवानदास गाँधी : ऐतिहासिकलेखसंग्रह, सयाजीराव साहित्यमाला, पुष्प ३३५, बडोदरा १९६२ ईस्वी, पृष्ठ ७६-७७.
१४.
P. Peterson : Search of Sanskrit Mss., Vol. V., Pp. 95-97. १५. देसाई, पूर्वोक्त, पृष्ठ ५१४.
१६. H.D. Vilankar : Jinaratnakosha, Bhandarkar Oriental Research Institute, Government Oriental Series, Class C, No. 4, Poona 1944 A.D., Pp. 442.
२०.
१७. पूरनचन्द नाहर, संपा० जैनलेखसंग्रह, भाग
१८९९.
१८. त्रिपुटी महाराज : जैन परम्परानो इतिहास, भाग २, चारित्र स्मारक, ग्रन्थमाला, ग्रंथांक ५४, अहमदाबाद १९६० ईस्वी, पृष्ठ ३३८.
१९. पं० लालचन्द भगवानदास गाँधी : ऐतिहासिकलेखसंग्रह, पृष्ठ १७ - ४९ तथा श्रीचन्द्रसूरि विरचित मुनिसुव्रतस्वामिचरित की प्रशस्ति.
द्रष्टव्य : संदर्भ, क्रमांक ३.
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२ कलकत्ता १९२७ ईस्वी० लेखांक
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