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हर्षपुरीयगच्छ अपरनाम मलधारीगच्छ
१२९३ श्री हर्षपुरगच्छेश्री....................दिवा.........
............श्रावक धाहिल सुत चाहिल..........कारिता सं [०] ११३९ ॥ अर्बुदाचलप्रदक्षिणा जैनलेखसंग्रह (आबू भाग ५), लेखांक ५६.
यदि मुनिश्री की वाचना को सही मानें तो उक्त लेख को इस गच्छ का अबतक उपलब्ध सर्वप्राचीन साक्ष्य माना जा सकता है।
इस गच्छ के मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित १०० से अधिक सलेख जिनप्रतिमाएँ प्राप्त हुई हैं, जो वि० सं० ११९० /ई० सन् ११३४ से वि० सं० १६९९ /ई० सन् १६४३ तक की हैं। इनका विवरण इस प्रकार है -
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