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________________ १२९२ जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास 1 नरचन्द्रसूरि ( कथारत्नाकर के रचनाकार) नरेन्द्रप्रभसूरि (वि० सं० १२८२ / ई० सन् १२२६ में अलंकारमहोदधि के रचनाकार पद्मदेवसूरि Jain Education International श्री तिलकसूरि | राजशेखरसूरि (वि० सं० १३८५/ ई० सन् १३२९ में न्यायकंदलीपंजिका के रचनाकार) सुधाकलश (वि० सं० १४०६ / ई० सन् १३५० में संगीतोपनिषत्सारोद्धार के रचनाकार) हर्षपुरीयगच्छ अपरनाम मलधारी गच्छ के मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित तीर्थङ्कर प्रतिमाओं पर उत्कीर्ण लेखों का विवरण दत्ताणी से प्राप्त और वर्तमान में धवली ग्राम स्थित जिनालय में संरक्षित एक खंडित प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख में इस गच्छ का उल्लेख प्राप्त होता है। मुनि जयन्तविजयजी ने इस लेख की वाचना दी है, जो इस प्रकार है : For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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