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________________ संडेरगच्छ ११८. विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, लेखांक ४९३. ११९. मुनि कंचनसागर - शत्रुञ्जयगिरिराजदर्शन, लेखांक ४४९. १२०. नाहर, पूर्वोक्त, भाग २, लेखांक १३८३. १२१. बुद्धिसागरसूरि, पूर्वोक्त, भाग १, लेखांक १०४१. १२२ . वही, भाग २, लेखांक ७९२. १२३. मुनि जिनविजय पूर्वोक्त, भाग २, लेखांक ३८५. १२४. नाहर, पूर्वोक्त, भाग २, लेखांक ११९०. १२५. वही, भाग २, लेखांक १९९२. १२६. मुनि जयन्तविजय, आबू, भाग ५, लेखांक ३५८. १२७. मोहनलाल दलीचन्द देसाई जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, पृ० ५२६ एवं जैन गुर्जर कविओ, भाग १, पृ० ९१. १२८. बुद्धिसागरसूरि - पूर्वोक्त, भाग १, लेखांक ४५३. - १२९. आबू, भाग २, लेखांक ५९. १३०. नाहर, पूर्वोक्त, भाग २, लेखांक १४१६. १३१. मुनि जिनविजय, पूर्वोक्त भाग २, लेखांक ३३६. १३२. जैन गूर्जर कविओ (मोहनलाल दलीचन्द देसाई) द्वितीय संस्करण - संपा० डा० जयन्त कोठारी, भाग १, पृ० २२०. १३३. वही, पृष्ठ २२२. १३४. जैन गूर्जर कविओ (द्वितीय संस्करण), भाग १, पृ० २१९. १३५. वही, पृष्ठ २१९. १२७१ Jain Education International १३६. Catalogue of Sanskrit & Prakrit Manuscripts: Muni Shree Punyavijayji's Collection; Ed. A. P. Shah, Vol II, No - 4936. १३७. नाहर, पूर्वोक्त, भाग २, लेखांक १९६२. १३८. मुनि जयन्तविजय, आबू, भाग २, लेखांक ३०९. १३९. वही, भाग २, लेखांक २९३. १४०. वही, भाग २, लेखांक २९१. १४१. मुनि जिनविजय, पूर्वोक्त, भाग २, लेखांक ५४०. १४२. त्रिपुटी महाराज - जैन परम्परानो इतिहास, भाग १, पृ० ५५८ - ६९. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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