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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास वि० सं० १५१३ से वि० सं० १५१९ तक की प्रतिष्ठापित प्रतिमायें उपलब्ध हैं। इनका विवरण इस प्रकार है -
वि० सं० १५१३ ज्येष्ठ वदि १११०० कुन्थुनाथ की धातु की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्ति स्थान - चन्द्रप्रभ जिनालय, रंगपुर (बंगाल) वि० सं० १५१५ माह (माघ) वदि ९ शुक्रवार ०१ नेमिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्ति स्थान- आदिनाथ जिनालय, दिलवाड़ा (आबू) वि० सं० १५१७ (तिथि विहीन)१०२ प्राप्ति स्थान – मुनिसुव्रत जिनालय, खंभात वि० सं० १५१९ (तिथि विहीन लेख)१०३ प्राप्ति स्थान - चिन्तामणि पार्श्वनाथ जिनालय, खंभात
ईश्वरसूरि (चतुर्थ) के पट्टधर शालिसूरि (चतुर्थ) हुए, जिनके द्वारा वि० सं० १५१९ से वि० सं० १५४५ तक प्रतिष्ठापित जिनप्रतिमाओं के लेखों का विवरण इस प्रकार है
वि० सं० १५१९ (तिथि विहीन)१०४ सीमंधर स्वामी का प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्ति स्थान - जैन मन्दिर, खारबाड़ो, खंभात वि० सं० १५१९ ज्येष्ठ सुदि १३ सोमवार ०५ प्रतिष्ठा स्थान - जैनमन्दिर, पायधुनी, मुम्बई वि० सं० १५१९ (तिथि विहीन)१०६ प्रतिष्ठा स्थान - जैनमन्दिर, गुलाबबाड़ी, मुम्बई वि० सं० १५२० ज्येष्ठ सुदि ९ शक्रवार
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