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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास वि० सं० १४८३ फागुण वदि ११ को इनके द्वारा प्रतिष्ठापित कुल ४ जिन प्रतिमायें वर्तमान में उपलब्ध हुई हैं। इनमें से श्रेयांसनाथ और पद्मप्रभ की प्रतिमायें आज चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर में संरक्षित हैं।६७
वि० सं० १४८६ माघ सुदि ११ शनिवार६८ मुनिसुव्रत स्वामी की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्तिस्थान - सम्भवनाथ जिनालय, अजमेर वि० सं० १४९२ माघ वदि ५ गुरुवार६९ वासुपूज्य प्रतिमा का लेख प्राप्तिस्थान - चन्द्रप्रभ जिनालय, जैसलमेर वि० सं० १४९२ वैशाख सुदि ५७० प्राप्तिस्थान - ग्राम का जिनालय, चाँदवाड़, नासिक वि० सं० १४९३ वैशाख सुदि ५ ७१ शान्तिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्ति स्थान - पार्श्वनाथ जिनालय, करेड़ा वि० सं० १४९३ तिथि विहीन २ प्राप्ति स्थान - जैन मंदिर, राणकपुर वि० सं० १४९४ माघ सुदि ११ गुरुवार७३ श्रेयांसनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्तिस्थान- सुपार्श्वनाथ का पंचायती बड़ा मंदिर, जयपुर वि० सं० १४९४ माघ सुदि ११ गुरुवार ४ संभवनाथ की पंचतीर्थी प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्ति स्थान - महावीर जिनालय, वैदों का चौक, बीकानेर वि० सं० १४९९ फागुण वदि २७५
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