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१४.
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
एम० ए० ढांकी - आरासणानी जैन प्रतिमालेखनी पुर्नवाचना, स्वाध्याय, जिल्द ८,
क्रमांक १ - २, पृष्ठ १८९-१९८.
एम० ए० ढांकी से व्यक्तिगत चर्चा पर आधारित.
१५.
१६. द्रष्टव्य, संदर्भ संख्या ९.
१७. मुनि कल्याणविजय, पूर्वोक्त, लेखांक १३२, १३४, १३५, १४१.
१८.
एम० ए० ढांकी एवं लक्ष्मण भोजक- 'उज्जयंतगिरिना पूर्वप्रकाशित अभिलेखो विषे', पं० बेचरदास दोशी स्मृति ग्रन्थ (वाराणसी १९८९ ई० ) पृष्ठ १९३-९४, लेखांक ३.
१९. बुद्धिसागरसूरि, संपा० जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १, लेखांक १४१३. अगरचन्द नाहटा, भंवरलाल नाहटा संपा० बीकानेरजैनलेखसंग्रह, लेखांक ३७६. बुद्धिसागर, संपा० जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग २ लेखांक ५३२.
२०.
२१.
२२ . वही, भाग २, लेखांक ६४१.
२३.
वही, भाग २, लेखांक ५२६
२४.
वही, भाग २, लेखांक ५६४.
२५.
विनयसागर, संपा० प्रतिष्ठालेखसंग्रह, भाग १, लेखांक ३७९.
२६. वही, लेखांक ४४१.
२७.
वही, लेखांक ४५८
२८.
द्रष्टव्य, संदर्भ संख्या ४.
२९.
द्रष्टव्य, संदर्भ संख्या ७.
३०.
मोहनलाल दलीचंद देसाई - जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास द्वितीय संस्करण, संपा० आचार्य मुनिचन्द्रसूरि सूरत २००६ ई०, पृष्ठ १३४, कंडिका २४३.
G.C. Chaudhary-Political History of Northen India From Jain Sources (Sohan Lal Jain Dharma Pracharak Samiti, Amritsar1963) Pp. 172-173.
३२. पं० सुखलालजी और पं० बेचरदासजी, संपा० सन्मतिप्रकरण (द्वितीय संस्करण, अहमदाबाद १९५२ ई०, पृष्ठ १४०-४१.
३३. तर्कग्रन्थविचारदुर्गमवनीसंचारपंचानन
३१.
स्तत्पट्टेऽभयदेवसूरिरजनि श्वेताम्बरग्रामणीः ।
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