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डॉ० उमाकान्त शाह ने इनकी वाचना दी है ४९ जो निम्नानुसार है
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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
१. ॐ नागेन्द्र कुले सिद्धमहत्तर
२. सिष्यायाः खंभिल्याजिकायाः
यह लेख पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण है I
द्वितीय लेख तीर्थंकर की प्रतिमा पर उत्कीर्ण है। इसका मूलपाठ निम्नानुसार है.
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१. ॐ देवधर्मोयं नागेन्द्र
२. कुलिकस्य । । सिहणो श्रा
३. वकस्य ० ॥
इस गच्छ के विभिन्न मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित बड़ी संख्या में सलेख जिनप्रतिमायें प्राप्त होती हैं जो वि० सं० १०८८ से वि० सं० १५८३ तक की हैं। इनके अतिरिक्त वि० सं० १६१७ और वि० सं० १७१५ की एक-एक जिन प्रतिमाओं पर भी इस गच्छ का उल्लेख मिलता है । इनका विवरण निम्नानुसार है.
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