________________
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
१०१८
उक्त अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर गुर्वावालियों की दो
तालिकायें संकलित की जा सकती हैं :
तालिका - १
?
1
धर्मचन्द्रसूरि [वि० सं० १४२१]
१ प्रतिमालेख
धर्मतिलकसूरि [वि० सं० १४२४ - १४५० ]७ प्रतिमालेख
1
हीराणंदसूरि [वि० सं० १४८३ - १५०२] २ प्रतिमालेख
तालिका - २
मुनिराजसूरि
1
देवचन्द्रसूरि [वि० सं० १५१६- १५१८] २ प्रतिमालेख
विजयचन्द्रसूरि I
उदयचन्द्रसूरि
?
I
अभयचन्द्रसूरि [वि० सं० १४२४ - १४६६ ] ३ प्रतिमालेख
रामचन्द्रसूरि [वि० सं० १४९३]
१ प्रतिमालेख
मुनिचन्द्रसूरि [ प्रथम ]
पुण्यचन्द्रसूरि चन्द्रसूरि [वि० सं० १५९६ - १५१८] [वि० सं० १४८६] [वि० सं० १५२१] १ प्रतिमालेख
२ प्रतिमालेख
१ प्रतिमालेख
Jain Education International
[वि० सं० १५१३ - १५२८]
३ प्रतिमालेख
[वि० सं० १५५० - १५५३] २ प्रतिमालेख
मुनिचन्द्रसूरि [द्वितीय ] [वि० सं० १५७५-१५७९] २ प्रतिमालेख
1 विद्याचन्द्रसूरि
[वि० सं० १५९६ - १६२४] ३ प्रतिमालेख
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org