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क्रमांक | संवत् | तिथि/| ग्रन्थ का मूल प्रशस्ति प्रशस्तिगत | प्रतिलिपि- संदर्भ ग्रन्थ || मिति नाम प्रतिलेखन | आचार्य/ कार
प्रशस्ति । मुनि का नाम २५. | १६०९ | चैत्र प्रज्ञापनावृत्ति । प्रतिलेखन भुवनप्रभसूरि
वही, सुदि ५ की दाता के पट्टधर
क्रमांक ३९६, प्रशस्ति कमलप्रभसूरि
पृ० ३६ के पट्टधर
पुण्यप्रभसूरि २६. | १६११ | पौष |जिनस्तवन- प्रतिलेखन | पुण्यप्रभसूरि
वही, सुदि ९ |अवचूरि । प्रशस्ति
क्रमांक ११९३, मंगलवार
पृ० ९० २७. | १६२४ / चैत्र | त्रिष्टिशलाका
भुवनप्रभसूरि
वही, सुदि ५ पुरुषचरित एवं
के शिष्य
क्रमांक ३७८३, शनिवार | परिशिष्टपर्व
पुण्यप्रभसूरि के
पृ० २१६-२१७
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
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