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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास 8. Muni Punyavijaya - Catalogue of Palm - Leaf Mss in the Shanti
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कंडिका ४९४. वही, कंडिका ४९५.
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वही, पृष्ठ ४४४. Muni Punyavijaya - New Catalogue of Sanskrit and Prakrit Mss : Jesalmer Collection, P. 236. देसाई, पूर्वोक्त, पृष्ठ ३७९ गुलाबचंद्र चौधरी - जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ६ (पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक २०) वाराणसी १९७३ ई०, पृष्ठ ५१५. मुनिजिनविजय - संपा० विविधगच्छीयपट्टावलीसंग्रह. सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ५३ बम्बई १९६१ ई० पृष्ठ २३२ - २३४. मुनि कल्याणविजय - संपा० पट्टावलीपरागसंग्रह,
श्री कल्याणविजय शास्त्र संग्रह समिति, जालौर १९६६ ई० पृष्ठ २१९. संकेत सूची जै० ले० सं० - जैनलेखसंग्रह, भाग १-३, संपा० पूरनचन्द नाहर, कलकत्ता १९१८,
१९२७, १९२९ ई० प्रा०जै० ले० सं०- प्राचीनजैनलेखसंग्रह, भाग २, संपा० मुनि जिनविजय, जैन आत्मानन्द
सभा, भावनगर १९२१ ई० प्रा० ले० सं० - प्राचीनलेखसंग्रह, संपा० विजयधर्मसूरि, यशोविजय जैन ग्रन्थमाला
भावनगर १९२९ ई० जै० धा० प्र० - जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १-२, संपा० बुद्धिसागरसूरि, श्री ले० सं० अध्यात्मज्ञान प्रसारक मंडल, पादरा १९२४ ई० अ०प्रा०० - अर्बुदप्राचीनजैनलेखसंदोह (आबू) - भाग २, संपा० मुनि ले० सं० जयन्तविजय, यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, उज्जैन वि० सं० १९९४
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