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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org तालिका ४ साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर निर्मित पूर्णिमागच्छीय गुरु-शिष्य परम्परा ? शिलगुणसूरि मानतुंगसूरि मलयप्रभसूरि वि०सं०१२६० मे जयंती प्रसोत्ता के कर्ता यशोदेव मानदेव धर्मघोषसूरि समुद्रघोषसूरि मुनिरलसूरि [वि. सं. १२२५ अममस्वामिचरितमहाकाव्य के कर्ता] प्रद्युम्न यशोघोषसूरि सर्वदेवसूरि T जयसिंहसूरि - चन्द्रप्रभसूरि I हेमप्रभसूरि वि. सं. सं. १२४३ प्रश्नोत्तररत्नमाला वृत्ति अजितसिंह [वि. सं. ११४९/५९ पूर्णिमागच्छ के प्रवर्तक] चक्रेश्वरसूरि शिवप्रभसूरि 1 तिलकाचार्य [वि. सं. १२६१ प्रत्येकबुद्धचरित] 1 धर्मप्रभसूरि I (उद्योतनसूरि द्वितीय के समकालीन प्रमुख आचार्य ] त्रिदशप्रभसूरि समन्तभद्र विमलगणि [वि. सं. १९८१ दर्शनशुद्धिवृत्ति ] 1 देवभद्रसूरि [वि. सं. १२२४ दर्शनशुद्धिबृहद्वृत्ति ] 1 जिनदत्तसूरि 1 शांतिभद्रसूरि 1 भद्रेश्वरसूरि 1 1 1 मुनिप्रभसूरि सर्वदेवसूरि 1 सोमप्रभसूरि I देवसूरि I तिलकप्रभसूरि I वीरप्रभसूरि 1 अजितप्रभसूरि (वि. सं. १३०७ शांतिनाथचरित के कर्ता) पूर्णिमागच्छ ९६१
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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