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वि० सं० १५२१ वैशाख सुदि १० रविवार
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास अ० प्र० जै० लेखांक १८४ ले० सं०
जै० स० प्र०, वर्ष ६,
अंक १०
श० वै०
वि० सं० १५२४ वैशाख सुदि २
रविवार
माघ सुदि १०
शुक्रवार
वि० सं० १५३१ वैशाख सुदि १० शनिवार
वि० सं० १५३०
वि० सं० १५३२ वैशाख वदि ५ सोमवार
वि० सं० १५३६ फाल्गुन सुदि ३ सोमवार
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जै० धा० प्र० ले० लेखांक ७५०
सं०, भाग २
जै० ले० सं०, लेखांक २५२२
चिन्तामणि पार्श्वनाथ जिनालय, चिन्तामणिशेरी - राधनपुर में प्रतिष्ठापित श्रेयांसनाथ की धातु की चौबीसी प्रतिमा पर वि०सं० १५१२ माघ सुदि १० बुधवार का लेख उत्कीर्ण है । इस लेख में प्रतिमाप्रतिष्ठाकी प्रेरणा देने वाले आचार्य पुण्यरत्नसूरि तथा उनके पूर्ववर्ती तीन आचार्यों गुणसागरसूरि, गुणसमुद्रसूरि और सुमतिप्रभसूरि का भी नाम मिलता है, जो इस प्रकार है :
I
गुणसागरसूरि
1
गुणसमुद्रसूरि
1 पुण्यरत्नसूरि
लेखांक २०३
भाग ३
श्री० प्र० ले० सं० लेखांक ९५
I
सुमतिप्रभसूर
[वि०सं० १५१२ में श्रेयांसनाथ की धातु की चौबीसी प्रतिमा के प्रतिष्ठापक ]
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