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परिपूर्णदेवसूरि
विजयसेनसूरि 1
धर्मदेवसूरि (त्रिभवीयाशाखा के प्रवर्तक)
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
I
धर्मचन्द्रसूरि 1
धर्मरत्नसूरि
धर्मतिलकसूरि
धर्मसिंहसूरि |
धर्मप्रभसूरि I
धर्मप्रभसूरिशिष्य (नाम - अज्ञात) (पिप्पलगच्छगुरुस्तुति के रचनाकार)
पिप्पलगच्छीय सागरचन्द्रसूरि ने वि० सं० १४८४ / ई० सन् १४२९ में सिंहासनद्वात्रिंशिका की रचना की । कृति के अन्त में प्रशस्ति के अन्तर्गत उन्होंने स्वयं को जयतिलकसूरि का शिष्य बतलाया है :
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जयतिलकसूरि
सागरचन्द्रसूरि
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(वि०सं० १४८४ / ई० सन् १४२९ में सिंहासनद्वात्रिंशिका के
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