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________________ Jain Education International धर्मघोषगच्छ /वही For Private & Personal Use Only धर्मघोषगच्छीय आचार्यों द्वारा प्रतिष्ठापित तीर्थंकरप्रतिमाओं पर उत्कीर्ण लेखों का विवरण क्रमाङ्क | संवत् | तिथि | आचार्य का नाम | प्रतिमालेख/ प्रतिष्ठा स्थान | संदर्भ ग्रन्थ स्तम्भलेख १. १३०४ / द्वितीय । जिनचन्द्रसूरि अजितनाथ की अजितनाथ |सम्बोधि, जिल्द ७, ज्येष्ठ के शिष्य | प्रतिमा पर | जिनालय, तारंगा पृ० १३-२५ सुदि ९ | भुवनचन्द्रसूरि | उत्कीर्ण लेख सोमवार २. | १३०५ | आषाढ़ | धर्मधोषसूरि के | अजितनाथ की | अजितनाथ सुदि ७ | पट्टधर देवेन्द्रसूरि | प्रतिमा पर | जिनालय, तारंगा शुक्रवार | के पट्टशिष्य उत्कीर्ण लेख जिनचन्द्रसूरि के पट्टशिष्य भुवनचन्द्रसूरि ३. १३०९ - आनन्दसूरि विमलवसही, विमलवसही, मुनि कल्याणविजय देहरी नं० १२, आबू प्रबन्धपारिजात, नमिनाथ की पृ० ३४३-३४५, www.jainelibrary.org
SR No.003614
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages714
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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