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पुण्यराजसूरि
पाठक गुणरत्न [इनके उपदेश से लघुक्षेत्रसमास की वि० सं० १५५० में प्रतिलिपि तैयार की गयी]
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उदयराजसूरि [वि० सं० १६१७ में इनके पठनार्थ कल्पसूत्र की प्रतिलिपि तैयार की गयी]
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
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