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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास जालिहरगच्छ से सम्बद्ध सातवां अभिलेख वि० सं० १४२३ / ई० सन् १३६७ का है, जो चौमुखी देरासर, अहमदाबाद में प्रतिष्ठापित भगवान् शान्तिनाथ की धातु की प्रतिमा पर उत्कीर्ण है ।" इस लेख में इस गच्छ के आचार्य ललितप्रभसूरि का प्रतिमा प्रतिष्ठापक के रूप में उल्लेख है ।
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जालिहरगच्छ से सम्बद्ध एक अन्य अभिलेख' भी मिला है, परन्तु उसमें न तो प्रतिमा के प्रतिष्ठापना की मिति / तिथि का उल्लेख है और न ही प्रतिमा के प्रतिष्ठापक आचार्य का; अतः यह लेख महत्त्वहीन कहा जा सकता है।
साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर जालिहरगच्छीय मुनिजनों की गुरुपरम्परा की एक तालिका निर्मित होती है, जो इस प्रकार है
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बालचन्द्रसूरि
1
गुणभद्रसूरि
I
1 सर्वणंदसूर
I
धर्मघोषसूरि T
देवसूरि
I
I
हरिभद्रसूरि I
[ नंदिपददुर्गवृत्ति की वि०
सं० १२२६ की प्रति में
उल्लिखित ] [पार्श्वनाथचरित-वर्तमान में
अनुपलब्ध के रचनाकार ]
[वि० सं० १२५४ / ई० सन्
१९९८ में पद्मप्रभचरित के
रचनाकार ]
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