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________________ खंडिल गच्छ मुनिसुव्रत की चौबीसी पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान - चन्द्रप्रभस्वामी का मंदिर, जैसलमेर । .६१ वि० सं० १५३६ माघ वदि ६ मंगलवार शीतलनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान - सीमंधरस्वामी का मंदिर, अहमदाबाद । वि०सं० १५३७ फाल्गुन ८ ८६२ सुमतिनाथ की प्रतिमा का लेख, प्रतिष्ठा स्थान - पंचायती मन्दिर, जयपुर । .६३ वि०सं० १५३९ वैशाख सुदि ४ शुक्रवार पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान- महावीर स्वामी का मंदिर, आसानियों का चौक, कार | वि०सं० १५३९ आषाढ़ ६ सुमतिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख, प्राप्ति स्थान - गौड़ीजी भंडार, उदयपुर । ३९१ ६४ .६५ वि० सं० १५३१ मार्गशीर्ष वदि ८ बुधवार का एक लेख अजितनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण है इस पर भी प्रतिष्ठापक आचार्य के रूप में जिनदेवसूरि के पट्टधर भावदेवसूरि का उल्लेख है । भावदेवसूरि के शिष्य विजयसिंहसूरि हुए । उनके द्वारा प्रतिष्ठापित जिनप्रतिमाओं पर वि० सं० १५५६ से वि० सं० १५७८ तक के प्रतिमा लेख उपलब्ध हुए है । इनका विवरण इस प्रकार है : _६६ देरासर, ईडर । वि० सं० १५५६ फाल्गुन वदि २ बुधवार वासुपूज्य की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख, प्रतिष्ठा स्थान- कुएं वाला Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003614
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages714
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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