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________________ ३९० वि०सं० १५१८ माघ सुदि २ शनिवार चन्द्रप्रभ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख, प्रतिष्ठा स्थान - आदिनाथ जिनालय, करमदी । वि० सं० १५१८ फाल्गुन सुदि ९ सोमवार ५३ संभवनाथ की धातु - प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख, प्रतिष्ठा स्थानजैनमंदिर थराद | ५४ वि०सं० १५२४ कार्तिक वदि २ शुक्रवार पद्मप्रभ चौबीसी पर उत्कीर्ण लेख, प्रतिष्ठा स्थान - आदिनाथ जैनमंदिर, डीसा । ५५ वि०सं० १५२९ ज्येष्ठ सुदि ३ रविवार नमिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख, प्रतिष्ठा स्थान- बृहद् खरतरगच्छ जैसलमेर । -५६ वि० सं० १५३२ ज्येष्ठ सुदि १३ बुधवार " नमिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख, प्रतिष्ठा स्थान - जैनमंदिर, उपासरा, जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास ५२ थराद । ५७ वि० सं० १५३२ वैशाख वदि ५ रविवार सुविधिनाथ की चौबीसी प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान- महावीर जिनालय, माणिकतल्ला, कलकत्ता । -५८ वि०सं० १५३२ आषाढ़ सुदि ८ रविवार धर्मनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख, प्रतिष्ठा स्थान - आदिनाथ जिनालय, नागौर । वि० सं० १५३४ मार्गशीर्ष वदि ५ रविवार ५९ सुविधिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान - पार्श्वनाथ जिनालय, कोचरों का मुहल्ला, बीकानेर । वि०सं० १५३५ पौष सुदी ६ बुधवार ६० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003614
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages714
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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