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________________ Jain Education International २३८ For Private & Personal Use Only | उपकेशगच्छ (द्विवंदणीक/विवंदणीक शाखा) से सम्बद्ध अभिलेखीय साक्ष्यों का विवरण क्रमाङ्क | संवत् | तिथि प्रतिष्ठापक | प्रतिमालेख/ प्रतिष्ठा स्थान संदर्भ ग्रन्थ आचार्य का नाम | स्तम्भलेख १. १३३४ | ज्येष्ठ सिद्धसूरि श्रेयांसनाथ की | अजितनाथ जिनालय बुद्धिसागरसूरि, वदि २ प्रतिमा का लेख | विरमगाम पूर्वोक्त, भाग १, सोमवार लेखांक १५११ २. १४४७ फाल्गुन रत्नप्रभसूरि | अजितनाथ की चौसठियाजी का विनयसागर, सुदि ८ पंचतीर्थी प्रतिमा | मंदिर, नागौर पूर्वोक्त, भाग १, सोमवार का लेख लेखांक १७३ ३. १४७९ / पौष देवगुप्तसूरि | जिनप्रतिमा जैन देरासर, बुद्धिसागरसूरि, वदि ५ बनवाने का उल्लेख सौदागर पोल, पूर्वोक्त, भाग १, सोमवार अहमदाबाद लेखांक ७९६ ४. १५०३ | माघ | श्री ... सेनसूरि | शीतलनाथ की चिन्तामणिपार्श्वनाथ | विनयसागर, सुदि ७ पंचतीर्थी प्रतिमा | देरासर, अहमदाबाद पूर्वोक्त, भाग १, बुधवार का लेख लेखांक ३७२ जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास www.jainelibrary.org
SR No.003614
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages714
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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