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उपकेश गच्छ
२०५ उक्त प्रतिमा लेखों के आधार पर उपकेशगच्छीय ककुदाचार्यसंतानीय मुनिजनों की आचार्य-परम्परा का एक क्रम सुनिश्चित होता है, जो इस
प्रकार है -
देवगुप्तसूरि
[वि०सं० १३१४-१३२३]
सिद्धसूरि
[वि०सं० १३४६-१३७३]
कक्कसूरि
[वि०सं० १३७८-१४१२]
देवगुप्तसूरि
[वि०सं० १४२१-१४७६]
सिद्धसूरि
[वि०सं० १४७७-१४९८]
कक्कसूरि
[वि०सं० १४९९-१५१२]
देवगुप्तसूरि
[वि०सं० १५२८-१५५७]
सिद्धसूरि
[वि०सं० १५६६-१५९६]
देवगुप्तसूरि [वि०सं० १६३४] ककुदाचार्यसन्तानीय आचार्यों की तालिका में उल्लिखित कक्कसूरि [वि०सं० १३७८-१४१२ प्रतिमालेख] और उनके गुरु सिद्धसूरि [वि०सं०
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