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उदयसागरसूरि
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भानु भट्टसूरि
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माणिक्य मंगलसूरि [वि० सं० १६३९ में
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
अंबडरास के रचनाकार ]
साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर आगमिक गच्छ के जयानन्दसूरि, देवरत्नसूरि, शीलसिंहसूरि, विवेकरत्नसूरि, संयमरत्नसूरि, कुलवर्धनसूरि, विनयमेरुसूरि, जयरत्नगणि, देवरत्नगणि, वरसिंहसूरि, विनयरत्नसूरि आदि कई मुनिजनों के नाम ज्ञात होते हैं । इन मुनिजनों के परस्पर सम्बन्ध भी उक्त साक्ष्यों के आधार पर निश्चित हो जाते हैं और इनकी जो गुर्वावली बनती है, वह इस प्रकार है -
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देवरत्नसूरि
[वि० सं० १५०५१५३३ ] प्रतिमालेख
धर्महंससूरि
[वि० सं० १६२० के लगभग नववाडढालबंध के रचनाकार ]
जयानन्दसूरि [वि० सं० १४७२ - १४९४ ]
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शीलसिंहसूरि [कोष्ठकचिन्तामणि स्वोपज्ञटीका के कर्ता ]
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7 विवेकरत्नसूरि
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