________________
आगमिक गच्छ
वि०सं० १५१६ वैशाख सुदि ३ वि०सं० १५१७ वैशाख सुदि ३ सोमवार वि०सं० १५१८ माघ सुदि ५ गुरुवार वि०सं० १५१९ वैशाख वदि ११ शुक्रवार वि०सं० १५१९ वैशाख सुदि ३ गुरुवार २ प्रतिमालेख वि०सं० १५१९ माघ वदि ९ शनिवार १ प्रतिमालेख वि०सं० १५१९ माघ सुदि ३ सोमवार वि०सं० १५२१ आषाढ सुदि १ गुरुवार
३. हेमरत्न के पट्टधर अमररत्नसूरि-इनके द्वारा वि० सं० १५२४ से वि० सं० १५४७ के मध्य प्रतिष्ठापित १८ प्रतिमायें उपलब्ध हुई हैं । इनका विवरण इस प्रकार है -
वि०सं० १५२४ वैशाख सुदि २ गुरुवार १ प्रतिमालेख वि०सं० १५२४ कार्तिक वदि १३ शनिवार १ प्रतिमालेख वि०सं० १५२५ तिथि विहीन वि०सं० १५२७ तिथि विहीन वि०सं० १५२८ वैशाख सुदि ५ शुक्रवार वि०सं० १५२९ ज्येष्ठ वदि १ शुक्रवार २ प्रतिमालेख वि०सं० १५३० माघ वदि २ शुक्रवार १ प्रतिमालेख वि०सं० १५३१ माघ सुदि ५ वि०सं० १५३२ वैशाख सुदि ३ ४ प्रतिमालेख वि०सं० १५३२ ज्येष्ठ वदि १३ बुधवार १ प्रतिमालेख वि०सं० १५३५ वैशाख सुदि ६ सोमवार वि०सं० १५३५ आषाढ़ सुदि २ मंगलवार " वि०सं० १५३६ वैशाख सुदि ३ शुक्रवार
४ प्रातमाल
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org