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समर्पण
जिनका ध्यान ही मेरा ध्येय है, जिनका अनुग्रह ही मेरा श्रेय है, जिनका वात्सल्य ही मेरा प्रेय है,
उन परम पूजनीया
मेरी आस्था के आलंबन,
श्रद्धा के सदन,
गुरुवर्या श्री
डॉ. विद्युत्प्रभा श्री जी म. सा. के
पावन कर-कमलों में
में सादर समर्पित
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- नीलांजना
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