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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only क्रमांक प्रतिष्ठा सम्वत् माह, तिथि, दिन | लेख का स्वरूप लेख का स्वरूप प्राप्तिस्थान सन्दर्भग्रन्थ । १५०७ माघ सुदि १३ शुक्रवार धर्मनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण वीर जिनालय, थराद श्री.प्र.ले.सं., लेखांक ६४ लेख एवं अंले.सं., लेखांक ७५. | १५०८ ज्येष्ठ सुदि ७ बुधवार वासुपूज्य की प्रतिमा पर वीर जिनालय, थराद श्री.प्र.ले.सं., लेखांक २५४, उत्कीर्ण लेख एवं अंले.सं., लेखांक ८१. २४. । १५०८ वैशाखवदि १० रविवार शान्तिनाथ की धातु की प्रतिमा | चिन्तामणि पार्श्वनाथ अंले.सं., लेखांक ७८. पर उत्कीर्ण लेख जिनालय, खंभात | १५०८ ज्येष्ठ सुदि ७ बुधवार धर्मनाथ की धातु की प्रतिमा जैन मन्दिर, दरापरा .धा.प्र.ले.सं., भाग २, पर उत्कीर्ण लेख लेखांक २६ एवं अंले.सं., लेखांक ८०. | १५०८ ज्येष्ठ सुदि ७ बुधवार सुविधिनाथ की प्रतिमा पर जैन मन्दिर, लींचप्रा .ले.सं., लेखांक २४१ उत्कीर्ण लेख एवं अंले सं., लेखांक ८२. २७. | १५०८ आश्विन वदि.......सोमवार | धर्मनाथ की भण्डारस्थ धातु मनमोहन पार्श्वनाथ देरासर, जै.धा.प्र.ले.सं., लेखांक प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख पाटण २४७ एवं अंले.सं., लेखांक अचलगच्छ का इतिहास ८४. १५०८ | ज्येष्ठ सुदि ७ बुधवार पद्मप्रभ की धातु की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख शान्तिनाथ देरासर, वीसनगर जै.धा.प्र.ले.सं., भाग १, लेखांक ५०७. www.jainelibrary.org
SR No.003612
Book TitleAchalgaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2001
Total Pages240
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size8 MB
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