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________________ १९६ ७७. ७८. ७९. ८०. ८१. ८२. ८३. ८४. ८५. ८६. ८७. ८८. ८९. ९०. ९१. ९२. ९३. ९४. ९५. ९६. ९७. ९८. ९९. अचलगच्छ का इतिहास श्री जीवविचार ( गूर्जर - पद्य) नवतत्त्व ( गूर्जर - पद्य) दंडक ( गूर्जर - पद्य) लघु संग्रहणी ( गूर्जर - पद्य) श्रावक की करणी का एकढालियां अष्टप्रवचनमाता नव ढालियां सोलह भावना के सोलह ढालिये समकित सड़सठी का चोढालिया बृहद् पुण्यप्रकाश याने बृहद्राधना पंचढालिया लघु आराधना याने लघु पुण्यप्रकाश ढालिया या वीरजिन स्तवन चउगति जीव क्षमापना ढालिया श्री आर्यरक्षितसूरिइक्कीसा जिनदर्शन पूजा उपयोगी विविध लघु कृतियाँ जिसमें प्रदक्षिणा का दोहा, साथीया का दोहा, चामर का दोहा, धूप का दोहा, अलंकार चढाने का तथा जिन अभिषेक का दोहा - स्तुतियाँ आदि. आरती- मंगल दिवो अर्हं की धुन मैत्री आदि चार भावनागर्भित “हे परमात्म्" यह प्रार्थना "समरो महामंत्र नवकार" नवकारगीत पर्व की स्तुतियाँ ( गूर्जर पद्य में) जिनेश्वर वंदनावली पद्य गणधर गौतमस्वामीरास पद्य जीवन का अमृत (विविध तत्त्वज्ञान आदि के लेख) श्रीपालचरित्र और नवपदगुणगर्भित नवपद का स्तवन सिद्धगिरि के नौ दो श्री महावीरदेव का स्तवन पारणे का स्तवन आदि....... नव्वाणुयात्रा विधि अन्तर्गत तलेटी, शांतिनाथ प्रभु, रायणपगला, पुंडरीकगणधर, घेटीपाग का स्तवनादि । १००. पंचतीर्थ जिन का चैत्यवंदन १०१. पर्वतिथियों का चैत्यवंदन १०२. श्री सिद्धाचल शत्रुंजय महातीर्थ की आराधना का दूहा- चैत्यवंदन - स्तवन-‍ न-स्तुति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003612
Book TitleAchalgaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2001
Total Pages240
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size8 MB
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