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(रचनाकार)
विवेकशेखर विजयशेखर
राजमूर्ति विजयसागर
विजयसागर
पार्श्वनाथछन्द
अं०दि०, पृ० ३७७.
(रचनाकार)
अंदि०. पृ० ४८८.
विद्यासागरसूरि (वि.सं १७९३ में स्वर्गस्थ) | विनयराजगणि
१- गौडीपार्श्वस्तवन २- सिद्धपंचाशिकावालाववेध रत्नसंचय
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अंदि०, पृ० ४०५.
जै०गू०क०, भाग १, पृ० १०१. वि.सं. १७४२ जै०प०इ०, भाग २, पृ० ५५६.
अंदि०, पृ० ४६९.
अचलगच्छीय मुनियों का साहित्यावदान
विनयशील (अंचलगच्छ-पालि.
अर्बुदाचलचैत्यपरिपाटी अपरनाम अर्बुदकल्प
तानाशाखा)
वाचक विद्यासागर
विद्याशील विवेकमेरु मुनिशील गुणशील विनयशील वेलराज
(रचनाकार)
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विनयशेखर
| १- धर्ममूर्तिसूरिगीत
वि.सं. १६४४ | जै०गू०क०, भाग २, पृ० २१०.
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