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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org तालिका - २ अचलगच्छ-पालितानाशाखा के मुनिजनों के गुरु-परम्परा की तालिका उपा० पुण्यलब्धि उपा० भानुलब्धि (वि.सं. १६०१ प्रतिमालेख: वि.सं. १६०५ और १६३९ में क्रमशः लिखी गयी कालकाचार्यकथा और औपपातिकसूत्र की प्रतिलिपियों में उल्लिखित) 1 मेघराज (सतरभेदीपूजा के रचनाकार) वाचक वेलराज वाo लाभशेखर 1 वा० कमलशेखर (वि.स. १६०० से १६२६ के मध्य विभिन्न कृतियों के प्रतिलिपिकार एवं रचनाकार) राजू ऋषि (वि.सं. १६३५/ ई.स. १५७९ में शिशुपालरास के कर्ता) विनयशेखर (वि.सं. १६४३ में यशोभद्रचौपाई एवं रत्नकुमाररास के कर्ता) रविशेखर (वि.सं. १६८३ / ई.स. १६२७ के शत्रुञ्जय के शिलालेख के लेखक ) वा० सत्यशेखर विवेकशेखर (वि.सं. १६१८/ई.स. १५९२ में शांतिसुन्दरी चौपाई के प्रतिलिपिकार) भावशेखर (वि.सं. १६८३/ ई.स. १६२७ में रूपसेनऋषिदास के रचनाकार; वि.सं. १६७२ से वि.सं. १७३० के 1 विजयशेखर ( कयवन्नाचौपाई वि.सं. १६८१ आदि कई कृतियों के रचनाकार) १३८ अचलगच्छ का इतिहास
SR No.003612
Book TitleAchalgaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2001
Total Pages240
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size8 MB
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