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१८, मुम्बई १९४३ ई० २१-२२. जैनसाहित्यनो.......पृष्ट ४४३, कंडिका ६५२-५३. २२अ. मुनि चतुरविजय, पूर्वोक्त, भाग २, प्रस्तावना, पृष्ठ ४. २३. बुद्धिसागरमूरि, संपा०, जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १, लेखांक १२०१, भाग
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