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शजयगिरिराजदर्शन, सम्पा०-मुनि कंचनसागर, कपडवज १९८३ ई०। शत्रुजयवैभव, सम्पा०-मुनि कान्तिसागर, कुशलसंस्थान, पुष्प ४, जयपुर १९९० ई०। नाकोड़पार्श्वनाथतीर्थ-सम्पा० विनय सागर जी। बाड़मेरजिलेकेप्राचीनजनशिलालेख, संग्रा०-सम्पा०-चम्पालाल सालेचा, प्रकाशकजैन श्वे० नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, पो० मेवानगर, जिला-बाड़मेर, राजस्थान।
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