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________________ धातु या पाषाण की अनेक जिनप्रतिमाओं के पृष्ठ भाग या आसनों पर लेख उत्किर्ण होते हैं। इसी प्रकार विभिन्न तीर्थ स्थलों पर निर्मित जिनालयों से अनेक शिलालेख भी प्राप्त हुए हैं। इन लेखों में प्रतिमा प्रतिष्ठापक या प्रतिमा के प्रतिष्ठा हेतु प्रेरणा देने वाले मुनि का नाम होता है तो किन्हीं-किन्हीं लेखों में उनके पूर्ववर्ती दो-चार मुनिजनों के भी नाम मिल जाते हैं। किन्हीं-किन्हीं लेखों में तत्कालीन शासक का भी नाम मिल जाता है। इतिहास लेखन में उक्त साक्ष्यों का बड़ा महत्व है। __ शिलालेखों में सामान्य रूप से जिनालयों के निर्माण, पुर्ननिर्माण, जीर्णोद्धार आदि कराने वाले श्रावक का नाम, उसके कुटुम्ब एवं जाति आदि का परिचय, प्रेरणा देने वाले मुनिराज का नाम, उनके गच्छ का नाम, उनकी गुरु-परम्परा में हुए पूर्ववर्ती दो-चार मुनिजनों का नाम, शासक का नाम, तिथि आदि का सविस्तार परिचय दिया हुआ होता है। श्वेताम्बर सम्प्रदाय से सम्बद्ध अभिलेखों के विभिन्न संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इनका विवरण इस प्रकार है जैनलेखसंग्रह, भाग १-३; सम्पा०-पूरनचंद नाहर, कलकत्ता १९१८, १९२७, १९२९ ई० । प्राचीनजैनलेखसंग्रह, भाग १-२; सम्पा०-मुनि जिनविजय, जैन आत्मानन्द सभा, भाव नगर १९२१ ई०। जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १-२, सम्पा० -आचार्य बुद्धिसागरसूरि, श्री अध्यात्म ज्ञानप्रसारक मण्डल, पादरा १९२४ ई०। प्राचीनलेखसंग्रह, संग्रा०-आचार्य विजयधर्मसूरि, सम्पा०-मुनि विद्याविजय, यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, भावनगर १९२९ ई०। अर्बुदप्राचीनजैनलेखसंदोह, (आबू, भाग २) सम्पा०-मुनि जयन्तविजय, विजयधर्मसूरी ज्ञानमन्दिर, उज्जैन वि०सं० १९९४। अर्बुदचलप्रदक्षिणाजैनलेखसंदोह, (आबू, भाग ५), सम्पा०-मुनि जयन्तविजय, यशोविजय जैनग्रन्थमाला, भावनगर वि०सं०२००५। जैनधातुप्रतिमालेख, सम्पा०-मुनिकांतिसागर, श्रीजिनदत्तसूरी ज्ञानभण्डार, सूरत १९५० ई०। प्रतिष्ठालेखसंग्रह, सम्पा०-महोपाध्याय विनयसागर, सुमतिसदन, कोटा १९५३ ई०। बीकानेरजैनलेखसंग्रह, सम्पा-अगरचंद नाहटा एवं श्री भंवरलाल नाहटा, नाहटा ब्रदर्स, ४ जगमोहन मल्लिक लेन, कलकत्ता १९५५ई०। श्रीप्रतिमालेखसंग्रह, सम्पा०-श्रीदौलतसिंह लोढा “अरविन्द'' धामणिया, मेवाड़ १९५५ ई०। राधनपुरप्रतिमालेखसंग्रह, सम्पा०-मुनि विशालविजय, यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, भावनगर १९६० ई०। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003611
Book TitleTapagaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2000
Total Pages362
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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