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जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास
१.७ चित्र सं. (१)
जैन आचार्य श्री से प्रवचन श्रवण करती हुई भक्तिमग्न श्राविकाएँ
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यह चित्र कुम्भारियाजी के प्राचीन मन्दिर के रंगमण्डप की छत में शिल्पकाल के उत्कर्ष समय का है। आचार्य श्री व्याख्यान दे रहे हैं और चतुर्विध श्रीसंघ व्याख्यान सुन रहा है। संभवतः ई. सन् की ११ वी १२ वीं शती
चित्र साभार : गेलेक्सी क्रिशन, राजकोट
१.७ चित्र सं. (२)
ताड़पत्र की प्राचीन प्रतियों पर चित्रित श्राविकाएँ
ये दोनों चित्र पाटण
के ज्ञान-भंडार की प्राचीन ताडपत्र की प्रति
में सुरक्षित हैं।
आचार्य गणधर सुधर्मा स्वामी, श्री जंबू स्वामी
व कालकाचार्य से संबंधित ये दोनों चित्र ईडर के ज्ञान भंडार के ताड़पत्र की प्रति से प्राप्त हुए हैं
जधाका
कुमावा
माम सी
चित्र साभार : गेलेक्सी क्रिशन, राजकोट (ई. सन १३-१४वीं शती)
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