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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
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१.४ चित्र सं. (२)
पौराणिक कथाएँ - नवधा भक्ति में लीन श्राविकाएँ (नवधा भक्ति-श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, वंदन, सख्य, दास्य, आत्मनिवेदन)
११वीं-१२वीं शती
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