SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 737
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास २०११ जैन इंस्क्रिपशंस इन तमिलनाडु डॉ. ए. एकंबरनाथ. डॉ. सी. के. शिवप्रकाशन रिसर्च फाउंडेशन फोर जैनालॉजी मद्रास ई. सन् १९८७ १२३! जैना लिटरेचर इन तमिलनाडु, ए चक्रवर्ती के. वी. रमेश, भारतीय ज्ञानपीठ कननॉट प्लेस, नई दिल्ली, ई. सन् १६७४ वी. सं. २५०० १२४ | जैनीसम इन आन्ध्रा डॉ. जी. जवाहरलाल प्राकृत भारती अकादमी जयपुर ई. सन् १६६४ प्र. सं. १२५| मुगल सम्राटों की धार्मिक नीति पर जैन सन्तों का प्रभाव कु. नीना जैन श्री विजयधर्मसूरि समाधि मंदिर ई. सन् १६६४ वी. सं. २५१७ १२६ | पंडित रत्न श्री प्रेम मुनि स्मति ग्रंथ, संपादक-कीर्तिमुनि एवं उमेशमुनि १४२४, शक्ति नगर, दिल्ली, ई. सन् १९७६ १२७ | युग प्रधान श्री जिनचंद्रसूरि अगरचंद नाहटा, भंवरलाल नाहटा, श्री अभय जैन ग्रंथ माला, बीकानेर वि. सं. १६६०, ई. सन् १६३५ १२८ राजस्थान के अभिलेख (प्रभम भाग) (द्वितीय भाग) गोविंदलाल श्रीमाली महाराजा मान सिंह पुस्तक प्रकाशन (जोधपुर) ई. सन् २००० १२६| जैन प्राचीन स्मारक, ब्र. शीतल प्रसाद ई. सन् १६२६ उत्तर प्रदेश और जैनधर्म, डॉ. ज्योति प्रसाद जैन, ज्योति निकुंज, चार बाग, लखनऊ, प्र. सं. १६७६, वी. नि. सं. २५०१ | १३१/ उत्तर भारत में जैन धर्म, चिमनलाल जैचंद्र शाह, सेवा मंदिर रावटी, जोधपुर, ई. सन् १६६०, वि. सं. २०४७ जैनिजम इन साउथ इंडिया पी. बी. देसाई, जैन संस्कृति संरक्षक, शोलापुर ई. सन् १६५७ प्राचीन भारत में नारी, डॉ. उर्मिला प्रकाश मिश्र, मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी भोपाल, ई. सन् १९८७ आर्यिका इंदुमति अभिनंदन ग्रंथ, विजयमति माता जी, इंदुमति अभिनंदन ग्रंथ समिति, कलकत्ता, ई. सन् १९८३ १३५/ चंदाबाई अभिनंदन ग्रंथ, श्री शेरवती देवी साहित्य, अखिल भारतीय दिगम्बर जैन महिला परिषद, ई. सन् १६५४ १३६ | भूपेंद्रनाथ जैन अभिनंदन ग्रंथ, डॉ. सागरमल जैन, पार्श्वनाथ विद्यापीठ वाराणसी, ई. सन् १९६८ नेपाली संस्कृत अभिलेखों का हिंदी अनुवाद, डॉ. कृष्णदेव अग्रवाल, अरविंद ईस्टर्न बुक लिंकर्स, दिल्ली, ई. सन् १६८५ मध्यकालीन राजस्थान में जैन धर्म, डॉ. श्रीमती राजेश जैन, पी. वी. एस. वाराणसी ई. सन् १६६१-६२ | जैन लिट्रेचर इन तमिल, ए. चक्रवर्ती और के. वी. रमेश, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, ई. सन् १६७४ १४०/ भारतीय इतिहास एक दष्टि, ज्योति प्रसाद जैन, भारतीय ज्ञानपीठ काशी ई. सन् १६७४ १४१/ जैनिज़म डॉ. हरिप्रिया रंगराजन, शारदा पब्लिशिंग हाऊस, दिल्ली ई. सन् १६६७ प्र. सं. १४२] भारत की जैन गुफायें, प्रधान संपादक डॉ. सागरमल जी जैन, पी. वी. एस. वाराणसी ई. सन् १६६७ प्र. स. १४३| जैन कलातीर्थ देवगढ़ प्रो. मारूती नंदन प्रसाद तिवारी डॉ शांतिस्वरूप सिन्हा, श्री देवगढ़ मैनेजिंग दिगंबर जैन कमेटी, ललितपुर (उ.प्र.) सन् २००२ (प्र. सं.) १४४] जैन परंपरा का इतिहास, आचार्य महाप्राज्ञ, जैन विश्व भारतीय प्रकाशन लाडनूं राजस्थान, ई. सन्. २००३ | १४५/ जैन धर्म, राजेंद्र मुनि श्री तारक गुरू जैन ग्रंथालय, शास्त्री सर्कल, उदयपुर वि. सं. २०३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy