SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 734
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 712 ५८. ५६ ६० ६१ ६२ ६३ जैनिज़म इन अर्ली मिडीवल कर्नाटक, राम भूषण प्रसाद सिंह, मोतीलाल बनारसी दास दिल्ली ई. सन् १६७५ प्र. सं. पर्ल्स आफ जैन विज़डम, दुलीचंद जैन. पार्श्वनाथ विद्यापीठ वाराणसी, प्र. सं. ई. सन्. १६६७ जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन, डॉ. शिव प्रसाद, पी. वी. एस. वाराणसी, ई. सन् १६६१ प्र. सं. जैन धर्म का प्राचीन इतिहास (भाग प्रथम), बलभद्र जैन. केसरीचंद श्रीचंद चावल वाले, नया बाजार, दिल्ली वी. नि. २५०० जैन नीतिशास्त्र एक तुलनात्मक अध्ययन, सं: प्रोः सागरमल जैन, पी. वी. एस. वाराणसी, ई. सन् १९६५, प्र. सं. जैन कला एवं स्थापत्य, सं. अमलानंद घोष, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली खण्ड १ = १६७५, खण्ड २ = १६७५, खण्ड ३ = १९७५ ६४ जैन चित्र कल्पद्रुम सं. साराभाई नवाब. साराभाई मणिलाल नवाब अहमदाबाद, ई. सन् १६४०, संवत् १९६६ ६५ हिस्ट्री ऑफ एनशेंट इंडिया. मेसर्स एम पॉल और मेसर्स कुलविंदर कौर एम.बी.डी. हाऊस रेलवे रोड, जलंधर सिटी, प्र. सं. २००२ चतु. सं. २००५ परिष्कारित संस्करण २००६ १, २, ३ लेखक; पूरणचंद नाहर, सन् १९२६ जेसलमेर जैन लेख संग्रह भाग - विश्व विनोद प्रेस ४८, इंडियन मिरर स्ट्रीट, कलकत्ता । क्रमशः ई. सन् १६१८, १६२७. १६२६ ६७ प्राचीन लेख संग्रह भाग १ श्री विजयधर्मसूरि, सन् १६२६, श्री यशोविजयजी ग्रंथमाला, भावनगर ६८ अर्बुद परिमण्डल की जैन धातु प्रतिमाएँ एवं मंदिरावलि. डॉ. सोहनलाल पटनी. प्रकाशक : सेठ कल्याण जी परमानंद जी पेढ़ी, सुनारवाड़ा, सिरोही (राजस्थान), प्रकाशन तिथि १५ मई २००२ जैन कथाओं का सांस्कृतिक अध्ययन श्रीचंद्र जैन, बोहरा प्रकाशन, चैनसुखदास मार्ग, जयपुर-३ ई. सन् १९७१ हरिभद्र साहित्य में समाज और संस्कृति. डॉ. कमल जैन. पी. वी. एस. वाराणसी उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मति ग्रंथ. सं. आचार्य श्री देवेंद्र मुनि श्री तारक गुरू जैन ग्रंथालय, शास्त्री सर्कल, उदयपुर (राजस्थान) ई. सन् पूज्य गुरुदेव श्री कस्तूरचंद जी महाराज जन्म शताब्दी ग्रंथ. सं. प्रवर्तक रमेश मुनि प्रतापमुनि ज्ञानालय, बड़ी सादड़ी (राजस्थान) ई. सन् १९६० बीकानेर जैन लेख संग्रह. अगरचंद भंवरलाल नाहटा नाहटा ब्रदर्स, कलकत्ता - ७ प्र. सं. वी. सं. २४८२ लिस्ट ओपः ब्राह्मी इंस्क्रिप्शंस फ्रम द अर्लियस्ट टाइम्स. प्रो. एच. लुडर्स बर्लिन. इंडोलॉजिकल बुक हाउज, वाराणसी एण्ड दिल्ली - ७ ई. सन् १९७३ मध्यकालीन राजस्थान में जैन धर्म. डॉ. श्रीमती राजेश जैन. पी. वी. एस. वाराणसी ई. सन् १९६१-६२ मध्यप्रदेश के दिंगबर जैन तीर्थ - भाग ततीय. बलभद्र जैन भारतीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी, हीरा बाग मुम्बई ई. सन् १६७ जैन कथाओ का सांस्कृतिक अध्ययन श्री चन्द्र जैन बोहरा प्रकाशन चैन सुखदास मार्ग. जयपुर - ३ ई. सन् १९७१ डिक्शनरी अंक पाली प्राकृत नेम्स. पार्ट -२. मलालशेखर मुंशीराम मनोहरलाल पब्लिशर्ज प्राईवेट लिमिटेड ५४, रानी झांसी रोड, नई दिल्ली ११००५५ ई. सन् १६८३ प्र. सं. इनसाइक्लोपे डेया ऑफ जनिजम नागेंद्र कुमार सिंह, अनमोल पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड. नई दिल्ली ई. सन् २००१ प्र. ६६ ६,६ lyr ७१ ७२ 333 ७३ ७४ ७५ ७६ ७७ ७८ ७६ Jain Education International - संपूर्ण ग्रंथ की संदर्भ ग्रंथ सूची For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy