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________________ 696 मानवमूल्य १६६. जैन, नीलम | आयुर्वेद / चिकित्सा १७०. Jain Rekha जैन राजनीति १७१. जैन, सन्ध्या श्रीमती १७२. जैन, सुधा श्रीमती १७३. जैन डागा, तारा श्रीमती जैन इतिहास, संस्कति कला एवं पुरातत्त्व १७४. १७५. जैन, उषा श्रीमती जैन, एकता १७६. जैन, कमला (गर्ग) १७७. जैन कोकिला सेठी जैन राजनीति | १७८. जैन, नीता (कु०) १७६. जैन नीता १८०. जैन मीरा श्राविकाओं के उपरोक्त संदर्भ: Jain Education International "जिनेन्द्र वर्णी के साहित्य में निहित मानवीय मूल्यों का विवेचनात्मक अध्ययन सागर, २००२, अप्रकाशित । नि. - डॉ. रमेश दत्त मिश्र, सेवानिवत्त प्राचार्य | Contribution of Jainism to ayurveda, published शोध कार्यों में श्राविकाओं का योगदान (प्राकृत भाषा एवं साहित्य " जैन गहस्थ चर्या " | सागर, १६६५ अप्रकाशित । "जैन श्रावकाचार " : एक अध्ययन ( जैन गहस्थ की आचार संहिता) सागर १६८८ अप्रकाशित । नि० डॉ० भागचन्द जैन भागेन्द्र दमोह (म. प्र. ) "भगवती सूत्र में प्रतिपादित धर्म-दर्शन का समीक्षात्मक अध्ययन" । - लाडनू २००३ अप्रकाशित । नि० डॉ० के० सी० सौगानी । मध्य प्रदेश के अभिलेखों का सांस्कतिक अध्ययन । जबलपुर, १९८२ अप्रकाशित । भारतीय इतिहास में प्रमुख जैन आचार्यों का योगदान । सागर २००० अप्रकाशित । नि० डॉ० के० एल० साहू नरसिंहपुर (म०प्र०) "यशोधरा चरित्र की सचित्र पांडुलिपियों का अध्ययन ।" मेरठ - १६७७ प्रकाशित । नि० डॉ० शिवकुमार शर्मा, मेरठ कॉलिज, मेरठ प्रका० भा० ज्ञा० नई दिल्ली। प्रथम १६६१ ७५.०० "तीर्थंकर आदिनाथ और उनका मानवीय संस्कति के उन्नयन में योगदान " राजस्थान | १६८१ अप्रकाशित । नि० डॉ० पी० सी० जैन " मुगल सम्राटों की धार्मिक नीति पर जैन सन्तों का प्रभाव" । ग्वालियर प्रकाशित । प्रका० श्री काशीनाथ सराक, श्री विजय धर्माशी समाधि मंदिर शिवपुरी ( म०प्र०) प्रथम १९६१ / ३५००० "प्राचीन उत्तर भारत में जैन साध्वियों (आर्थकाओं) का योगदान " । आगरा, १६६१ अप्रकाशित । " ग्वालियर की जैन चित्रकला" ग्वालियर १९६३ अप्रकाशित । नि० डॉ वी०के० सिन्हा ( ग्वालियर) प्राकत एवं जैन विद्याः शोध संदर्भ, डॉ. कपूरचन्द जैन त. सं. २००४. श्री कैलाशचंद जैन स्मति न्यास, खतौली (उ. प्र.) २५१२०१ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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