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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास ७.३४ श्रीमती राजमती जैन : आप जम्मू त्रिकुटानगर निवासी श्रीमान् विनोद कुमार जैन की धर्मपत्नी हैं। आप एम. ए. बी. एड. हैं। आप अध्यापिका पद पर कार्यरत हैं। शिक्षण कार्य में आप कर्त्तव्यनिष्ठ हैं । पारिवारिक एवं सामाजिक क्षेत्र में आप सेवा निष्ठ हैं। धार्मिक क्षेत्र में आपने बारह व्रतों को धारण किया है तथा जप, तप, सामायिक आदि अनुष्ठानों में संलग्न रहती हैं। ७.३५ श्रीमती रकोदेवी जैन : 641 आप लुधियाना निवासी श्रीमान् वेद प्रकाश जैन की धर्मपत्नी हैं। आपकी तप एवं दान में विशेष रूचि है । आपने ३० वर्षों तक वर्षीतप किया। अपने पिता श्री नौरियामल जैन की पुण्य स्मति में दो स्कूलों का निर्माण करवाया। आपने लुधियाना में चेरिटेबल डिस्पेंसरी, आचार्य सम्राट पू. श्री आत्मारामजी महाराज की समाधि, साध्वियों के लिए स्थानक, तथा अन्य अनेक संस्थाओं के निर्माण में सहयोग दिया है २६ ७.३६ श्रीमती मूर्तिदेवी जैन : आप मलेरकोटला निवासी श्रीमान् रतनलालजी जैन की धर्मपत्नी हैं। आपकी दान के प्रति विशेष रूचि है। आपने मलेरकोटला के स्थानक निर्माण में, कुप्पकलां आदीश्वर धाम के निर्माण में तथा आचार्य शिवमुनि जी, वाचनाचार्य मनोहरमुनिजी, के शास्त्र प्रकाशन में, महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया है। आप अपने नियमों के प्रति भी पूर्ण रूप से जागरूक हैं ।३० ७.३७ श्रीमती शकुंतला (मेहता) जैन : 1 आप पनवेल निवासी श्रीमान् सोहनराज जी मेहता की धर्मपत्नी हैं । २१.१०.१६५० में आपका जन्म हुआ था । श्री माणकचंद जी एवं श्रीमती उमरावबाई आपके सास ससुर हैं। श्री विरदीचन्द जी बांठिया एवं श्रीमती वर्धाबाई बांठिया आपके माता-पिता हैं । स्वाध्याय में आपकी गहरी अभिरूचि है। अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कांफ्रैंस (महिला शाखा) कर्नाटक की आप अध्यक्षा हैं । त्रिशला महिलामंडल राजाजी नगर, बैंगलौर की आप मंत्री हैं। बैंगलौर महिला महासंघ की आप सक्रिय सदस्या हैं । १ ७.३८ श्रीमती टीबुबाई राजमलजी चोरड़िया : आप रतलाम निवासी श्री राजमल जी चोरड़िया की धर्मपत्नी थी। श्री चंदनमल चोरड़िया आपके सुपुत्र हैं। आप रतलाम के महिला कला केन्द्र, महिला स्थानक, आयंबिल खाता तथा अन्य धार्मिक संस्थाओं के साथ जुड़ी हुई थी। आप प्रियधर्मी एवं दढ़ धर्मी सुश्राविका थी। संतों से ज्ञानार्जन करना एवं उनकी सेवा करना आपका शौक था। तंत्र-मंत्र एवं देवी देवता कुछ करेंगे आप इसमें विश्वास नहीं करती थी । ३२ ७.३६ श्रीमती जिनेंद्र जैन : आप आतमनगर लुधियाना निवासी श्रीमान् हीरालाल जैन की धर्मपत्नी थी। आपका जन्म १६३७ में हुआ था । रोपड़ निवासी श्रीमान् अमरनाथ जी जैन आपके पिता थे, तथा स्यालकोट निवासी श्रीमान् बसंतरायजी जैन आपके ससुरजी थे। आपका एक पुत्र संजीव तथा पुत्री नीरू जैन है। आप अत्यंत विनम्र, सरल एवं सुशीला सुश्राविका थी। आप धर्मनिष्ठ, कर्त्तव्यनिष्ठ, एवं सेवा भावी सन्नारी थी । श्री महावीर जैन युवक संघ, आचार्य श्री आत्माराम जैन सेवा संघ, श्री जैन मुनि श्यामविहार चैरिटेबल ट्रस्ट, देवकी देवी जैन मेमोरियल कॉलेज ऑफ वीमेन, जिनेन्द्र गुरूकुल पंचकूला, आत्म पब्लिक सीनियर सेकण्डरी स्कूल आत्मनगर लुधियाना, सन्मति मैत्री सेवा संघ जगराओं, लुधियाना ऑइल इंजन डीलरस् असोसिएशन आदि अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी थी । ६७ वर्षीय जिनेन्द्र जैन कैंसर से पीड़ित थी। समता से पीड़ा को सहन किया। और समता पूर्वक ही इस नश्वर देह का व्याग किया । ३ ७. ४० श्रीमती सुरेन्द्र कुमारी जैन : आप प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री डी०के०जैन (चैयरमैन लक्सर पार्कर पेन) की मातेश्वरी थी। करोल बाग एस०एस० जैन महासभा के अध्यक्ष श्री सुशील कुमार जैन की आप बड़ी बहन थी । वयोवद्धा श्राविका श्रीमती सुरेन्द्र कुमारी जी दिल्ली जैन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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