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सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
क्र०
संवत्
श्राविका नाम
वंश/गोत्र
प्रेरक/प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य तपा. श्री......
3072 | 1541 | सिरीठी, लाडिकि
मोढ़ ज्ञा.
प्रतिमा निर्माण | संदर्भ ग्रंथ
आदि भ. श्री संभवनाथ जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 199 चतु. जी भ. श्री सुमतिनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 200 जी भ. श्री शांतिनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 - 200
3073|1534 | भीमलदे, जयतु
नाणावाल श्रीधनेष्वरसूरि
3074|1552 | काऊ, रंगी
मोढ़ ज्ञा.
वृद्धतपा. उदयसागरसूरि
जी
3075 | 1524 | सहिषलदे, कपूरी
श्री. श्री. ज्ञा.
। पूर्णिमा. गुणसुंदरसूरि
भ. श्री चतुर्विशांति | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 200 नमिनाथ जी भ. श्री पार्श्वनाथ जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 201
3076 | 1525 | रोहिण
ओस. ज्ञा.
श्री विजयदानसूरि
66)
3077 | 1529 | रूपाई, रतनाई
उपकेष, वंष
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 201
3078 | 1531 | करणू पारबती
श्री. श्री. ज्ञा.
आगम. श्री शीलवर्धनसूरि
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 201
भ. श्री वासुपूज्य | जी भ. श्री संभवनाथ जी भ. श्री नमिनाथ | जी भ. श्री सुमतिनाथ
3079 | 1573 | आसी, मंगाई, पल्हाई
| श्री. श्री. ज्ञा.
पूर्णिमा सद्गुरू
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.
2
201
3080
1510 | धर्माई, हंसाई
श्री. श्री. ज्ञा0
बृद्धतपा. श्रीरत्नसिंहसूरि
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 202
3081 | 1512 | राजलदे
श्री. ज्ञा.
| ब्रह्माण मुनिचंद्रसूरि
#5555555
भ. श्री शीतलनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 202
3082
| 1517 | वासू
श्री. श्री. ज्ञा. | श्रीसाधुसुंदरसूरि
भ. श्री विमलनाथ
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 203
3083 | 1558 | रूडीसु
ओसवंष
श्रीसूरि
भ. श्री पार्श्वनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 203
3084
| 1541 | सिरीठ लाडिकि
मोढ़. ज्ञा.
तपा. श्री......
3085
1534 | भीमलदे, जयतु
नाणावला. श्रीधनेष्वरसूरि
3086
1552 | काऊ, रंगी
मोढ़. ज्ञा.
| वृद्धतपा. उदयसागरसूरि
भ. श्री संभवनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 199 चतु. जी भ. श्री सुमतिनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 200 जी भ. श्री शांतिनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2, 200 जी भ. श्री चतुर्विंशाति जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 201 नमिनाथ जी भ. श्री पार्श्वनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 201
3087 | 1524 | सहिषलदे, कपूरी
श्री. श्री. ज्ञा. | पूर्णिमा. गुणसुंदरसूरि
3088 | 1525
रोहिणि
ओस ज्ञा.
श्री विजयदानसूरि
3089
1529 | रूपाई, रतनाई
| उपकेष. वंष
भ. श्री वासुपूज्य
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.
2
201
30901531 | करणू, पारबती
श्री. श्री. ज्ञा.
आगम. श्री शीलवर्धनसूरि
भ. श्री संभवनाथ
जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 201
55555
3091 | 1510 | धाई, हंसाई
श्री. श्री. ज्ञा.
बृद्धतपा. श्रीरत्नसिंह
भ. श्री सुमतिनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 202
3092 | 1512 | राजलदे
श्री. ज्ञा.
ब्रह्माण मुनिचंद्रसूरि
भ. श्री शीतलनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 202
3093 | 1547 | संपूरी, हर्षाई
श्री. श्रीमाल ज्ञा. | भावदेवसूरि भावडार
भ. श्री सुमतिनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 196
3094 | 1519 | राजू, संपूरी
वायड ज्ञा.
| आगम. हेमरत्नसूरी
भ. श्री धर्मनाथादि जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 196 पंचतीर्थी जी भ. श्री आदिनाथ | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 | 196
3095 | 1512 | लूण श्री
उपकेष ज्ञा. मंडोवरा गोत्र
धर्मघोष श्रीसाधुरत्नसूरि
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