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सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
क्र०
संवत्
| श्राविका नाम
वंश/गोत्र
|
पृ.
प्रेरक/प्रतिष्ठापक
गच्छ/आचार्य खरतर श्रीजिनचंद्रसूरि
- प्रतिमा निर्माण | संदर्भ ग्रंथ
आदि भ. श्री धर्मनाथ जी पा.जै.धा.प्र.ले.स.
1311
| 1534
| नीविणि |
उकेशवंश जाहड गोत्र
55
1312
| 1534 | नमलदे
श्री लक्ष्मीसागरसूरि
भ. श्री आदिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
55
जी
13131535 | मयहलदे
उप. ज्ञा.
श्रीदेव गुप्तसूरि
भ. श्री पद्मप्रभु
पा.ज.धा.प्र.ले.स.
55
1314
| 1546 | सिंगारदे
ओस. श्रेष्ठि गोत्र
श्रीदेव गुप्तसूरि
| भ. श्रीचंद्रप्रभु जी | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
1552
| केल्ही, गिरसू
ओसवाल ज्ञा.
श्रीजिनसुंदरसूरि
56
भ. श्रीआदिनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री अजितनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.स.
1316
1555
सालिग
56
उप. वंष मेडतावाल | हर्शपुरीय. गोत्र
श्रीगुणसुंदरसूरि सण्डेर बढ़ाला गोत्र श्रीशांतिसूरि
जी
जिस समय का कविता
1317
माता नाम ।
1556
| तारू
भ. श्री शांतिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
56
जी
| 1559 /
| देवल
पल्हुबड़ गोत्र
श्री मुनिदेव सूरि
भ. श्री कुंथुनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
56
जी
1319
| 1559 | भंगादे, धनश्री
उपकेषवंश
खरतर. जिनहंससूरि
| भ. श्री शीतलनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
56
जी
1320
| 1563 | देवलदे, वील्हणदे
57
धर्मघोश लक्ष्मीसागरसूरि | भ. श्री सुमतिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
जी | उपकेश श्रीसिद्धसूरि भ. श्री नमिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
1321
1566
रूपादे
57
उपकेषवंश रांका गोत्र श्री वंश
1322
1572
रहा, रमादे, आहवदे
नागेन्द्र सुगुरू
भ. श्री वासुपूज्य | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
स.
57
जी
1323
1576 | रमादे हीरादे
श्रीमाल ज्ञा.
पूर्णिमा श्री मुनिचंद्रसूरि
भ. श्री मुनिसुव्रत | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
157
जी
1324
|1576 | हेम श्री
सुराणा गोत्र.
धर्मघोश नन्दिवर्धनसूरि
57
1325
| 1576 | सवतादे, प्रेमलदे
उप. ज्ञा.
श्री शांतिसुंदरसूरि
भ. श्री आदिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री मुनिसुव्रत | पा.जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री अभिनन्दन | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
58
1326
1592 | सूहवदे
आदित्यनाग गोत्र. | उप. गच्छ श्री सिद्धसूरि
|58
जी
13271599 | कील्हू
सण्डेर गोत्र
श्री शांति सूरि
भ. श्री नेमिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
58
जी
1328
1500
उपकेष ज्ञा.
तपा. श्री मुनिसुंदरसूरि
भ. श्रीचंद्रप्रभु जी | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
| 106
मल्हाड़ लाखणदे चापल.दे | कल्हो, दत्तसिरी
| उप. वीरोलिया गोत्र | श्रीऊजोअण सूरि
भ. श्री संभवनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.स..
106
जी
1330
1588 | सहलालदे
उप. ज्ञा. चोरडिया गोत्र
ऊकेश श्रीसिद्धसूरि
भ. श्रीसुमतिनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.स.
| 106
जी
1331
प्रा. ज्ञा.
| श्री लक्ष्मीसागर सूरि
भ. श्रीआदिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स.
| 106
| 1536 कर्मादे, नायकदे,
हरशमदे 1533 | रूल्ही, जोगी
जी
1332
ओस. ज्ञा. बड़ गोत्र | श्रीसूरि
|108
भ. श्री शांतिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.स. जी
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