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लीलादेवी की पुत्री डोसी जिदा की पत्नी
| अरघाई, कुंरि
शंकरदेवी
पिरोजांपठनार्थ
प्रेमबाई पठनार्थ
धन श्री.
पाल्हे (अग्रवाल वंश)
सरे (अग्रवाल)
अजूपठनार्थ
गेली पठनार्थ
देल्हणदेवी ने मातृ-श्रेयार्थ लिखा
गदा ने परिवार सहित लिखवाया
गउरी ने पुत्र सहित लिखवाया
पांपजऔर साजन ने परिवार सहित प्रतिलिपि करवाया
बैदेउ, झबकू कर्मादे स्वहस्तेन लिखा स्वश्रेयार्थ
माणकदे जीवादे
वाछ हीरू
कस्तुराई, नाकू
ऊउकेश वंश
पं. मेधावी से प्राकृत भाषा में लिखवाकर
साहू वच्छराज की पत्नी थी ।
साहू जैतू की धर्मपत्नी थी।
प्रा. ज्ञा.
श्रीमाली वंश
प्रा. ज्ञा.
उकेष वंश
ऊकेष भंडारी गोत्र
कल्याणतिलकगणि लिखित
ऋषि देवसागर लिखित
गणिरत्नविजय लिखित
आचार्य पद्मनंदि
काष्ठासंघ के आचार्य अमरकीर्ति
विजयराजमुनि
श्री सौभाग्य लक्ष्मीगणि
श्री भावसागर गणि
कर्मसागर प्रेरक है ( चतुर्दशी उद्यापनपर)
अंचल. जयकेसरीसूरि
खरतर जिगहंससूरि
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आदिनाथ चैत्य में देवकुलिका का निर्माण करवाया था।
जंबूचरित्र चौपाई
सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
बसदि के लिए भूमि
का दान
लीलावती चोपाई
आलोयण विनति
जंबूद्वी प्रज्ञप्ति ग्रंथ
उपदेशमाला सूत्र
आवश्यक नियुक्ति
श्री कल्पसूत्रम् (सुवर्ण वर्ण)
श्री कल्पसूत्रम् (सावचूरि)
श्री बरसा सूत्र
ब्रह्मदेवकृत द्रव्यसंग्रह पं.च.अ.ग्रं.
वृत्ति
षट्कर्मोपदेश
प्रवचनसारोद्वार सूत्र
जै.बि. पार्ट. 1
उपासक दशांग सूत्र
रा. हिं. ग्रं. सू.भा. 1
जै. षि.सं.भा. 4
भ. श्री कुंथुनाथ जी
जै.धा. प्र.ले.स.भा. 2
जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2
पं.च.अ. ग्रं.
श्री कल्पसूत्रम् (सुवर्ण जै.प्र.सं. अक्षर)
पं.च.अ. ग्रं.
श्री. प्र.सं.
श्री. प्र.सं.
जै.प्र.सं.
जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2
जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
जै.धा. प्र.ले.स.भा. 2
जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2
भ. श्री सुमतिनाथ जी जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2
जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2
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