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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
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क्र० | संवत् | श्राविका नाम
वंश/ गोत्र
459
1506
भानदे
प्रेरक/प्रतिष्ठापक प्रतिमा निर्माण संदर्भ ग्रंथ गच्छ /आचार्य
आदि काष्ठासंघ. कमलकीर्ति | भ. श्री चंद्रप्रभु जी जै.सि.भा. सन् 1935 | 13 जी की शिष्या खरतर. श्री जिनसागरसूरि | भ. श्री शांतिनाथ जी | जै.सि.भा. सन् 1940
460
1507
| हीरादे, षेतलदेओसवंश
4611509
मूंगा, मूला
खरतर. श्री जिनसागरसूरि | भ. श्री जिन प्रतिमा | जै.सि.भा. सन् 1936 | 31
जी
4621509
चदुवंश लम्ब कंचुकान्वय चदुवंश लम्ब कंचुकान्वय अग्रोत गर्ग
मूलसंघ प्रतापचंद्र देव
13
4631510
देन्ही, वारू
| भ. श्री जिन प्रतिमा जै.सि.भा. सन् 1935 शांतिनाथ जी भ. श्री जिन प्रतिमा जै.सि.भा. सन् 1936 जी भ. श्री जिन प्रतिमा । जै.सि.भा. सन् 1936
4641511 | गोलसिरि
पोरवाड़ जाति
31
जी
-
4651512
सूहवदे
श्रमण सन 1999
| 130
अंचल गच्छ. श्रीभावसागरसूरि
अजितनाथ (बाई सोनाई पुण्यार्थी
466
1513
गविति
काष्ठासंघ
जै.सि.भा. सन् 1940 | 17
467
1513
गांगी
काष्ठासंघ
जै.सि.भा. सन् 1940
468
1512
वाछी, वीरू
श्रीमाल ज्ञा.
भ. श्री श्रेयांसनाथ जी
। श्रमण सन 1999
131
4691515
| लड़ो
|
जै.सि.भा. सन् 1936 | 31
अग्रेत गोलालारान्वचे वीरवंश
470
1517
| जासु
अंचल. जयशेखरसूरि
भ. श्री सुमतिनाथ जी | श्रमण सन 1999
471
1504
वाछू, हीरू
उकेष
अंचल. जयकेसरीसूरि
भ. श्री सुमतिनाथ जी | पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
| 178
472
1563
| कस्तुराई, नाकू | उकेष, भंडारी गोत्र | खरतर श्रीजिनहंससूरि
भ. श्री कुंथुनाथ जी | पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
आ.ज.पा.प्र.ल.स.
178
4731595
नाकू
तपा. विजयदानसूरि
भ. श्री सुमतिनाथ जी | पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
178
474
1530
माणिकदे
श्री श्री ज्ञा.
पूर्णिमा. देवेंद्रसूरि
| भ. श्री सुमतिनाथ जी पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
178
475
|1528
हशु, रंगाई
ऊ.वाढ़ीक गोत्र
खरतर. श्रीजिनचंद्रसूरि
भ. श्री नमिनाथ जी
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
179
476
1531
कर्मणि, माणिकि
श्री श्री. ज्ञा
नागेंद्र. श्रीहेमरत्नसूरि
भ. श्री वासुपूज्य जी | पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
180
477
1522
श्री श्रीवंष
अंचल. श्रीजयकेसरीसूरि
भ. श्री शीतलनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
| 180
| अहवदे, अरधु, भावलदे लाडिकि, गांगी
जी
१1०1523
वायड ज्ञा
टागम. मुनिरत्नसूरि
| भ. श्री शांतिनाथ जी | पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
479
1513
कांऊ, पूरी
वीरवंष
टंचल, श्रीजयकेसरी
भ. श्री संभवनाथ जी | पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
180
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