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________________ आठवीं से पंद्रहवीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ संवत् श्राविका नाम वंश/गोत्र अवदान संदर्भ ग्रंथ प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य | सावदेवसूरी 330 1433 हीमादे उप. ज्ञा. सुमतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 331 1434 जासलदे श्री माल मुनि ब्राह्मण गच्छ शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 1437 | पद्मलदे प्रा. ज्ञा. देवचंद्रसूरी पूर्णिमापक्ष आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 333 1438 | चांपलं प्रागवाट् महाहडीया श्री सूरी वासुपूज्य अ.प.जै.धा.प्र.म. 334 | 1440 | देलुणदे मलयचंद्रसूरी धर्मनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. | 1443 | माणिक्षि उकेष महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. 336 | 1446 | धांधलदेवी श्री. श्री. श्री सूरि वासुपूज्य अ.प.जै.धा.प्र.म. 337 1447 सुहागदे उकेष श्रीमुनिप्रभसूरी संभवनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 337 1450 षतालदे श्री. श्री. ब्राह्मण मुनिचंद्रसूरि मुनि | आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 338 1452 | लाषणदे, चांपलदे सिंहदत्तसूरी पद्मप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. श्री. श्री. नागडगच्छ उपकेष 339 1453 | सुरदेवी, रामती मडाहडगच्छ, धणचंद्रसूरी नमिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 340 | 1454 | माल्हणदे प्रा. ज्ञा. धर्मतिलकसूरि आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 341 1459| माल्हणदे गूजर ज्ञा. पूर्णिमापक्ष, पार्श्वचंद्रसूरि | अजितनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 342 | 1459 मीणलदे श्री. श्री. श्रीसूरी पूर्णिमापक्षे आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 3431459 विक्रमदे, वईजलदे अ.प.जै.धा.प्र.म. श्री धर्मप्रभसूरी, चतुर्विषतिपट पिप्पलाचार्य प्रज्ञातिलकसूरी, तपागच्छ पार्श्वनाथ 344 1460 देवलदे श्री. श्री. अ.प.ज.धा.प्र.म. 345 | 1462 | लाडी, हासु प्रा. ज्ञा. हेमचंद्रसूरि वासुपूज्य अ.प.जै.धा.प्र.म. 346 1465 देवलदेलापू .................. रत्नप्रभसूरी, गुदाउगच्छ | शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. | 1394 | रांदलदे श्रीमाल. पीपलगच्छमलय चंद्रसूरी | पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 348 1394 षिमिणि उपकेष हेमतिलकसूरि | शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 3491404 वइजलदे, लाल उपकेष मडाहडगच्छ धणचंद्र पद्मप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. | 1405 | लीलादेवी श्री श्रीमाल श्री सूरी वासुपूज्य अ.प.जै.धा.प्र.म. 3511406 दागल वायडज्ञाति बायडगच्छ जीवदेवसूरी | आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 3521408 | रूपादे माल्हागदे उ. ज्ञा. देवचंद्रसूरी पद्मप्रभु अ.प.जै.धा.प्र.म. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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