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आठवीं से पंद्रहवीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
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संवत् | श्राविका नाम
अवदान
| संदर्भ ग्रंथ
वंश/गोत्र प्रेरक/प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य नाणकीय गच्छ | श्री महेन्द्र सूरि
951429 | पाल्हणदे
श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
96
1430 | यसजेणि, लीला देवी
| प्रा. ज्ञा.
गूढाओगच्छ श्री षिरचंद्र | श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
97
| 1432 | चापल, धरणु
श्री सूरि
श्री आदिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
98
| 1433 | चूनादे
प्रा. ज्ञा.
श्री सोमप्रभु सूरि
श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
99
| 1433
खेता
उपकेष ज्ञा.
श्री देव प्रभु सूरि
श्री पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
100
| 1434
तेजलदे
प्रा. ज्ञा.
श्री रत्नप्रभ सूरि
श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
56
101
1435| रामा
प्रा. ज्ञा.
मडाहड श्री सोमप्रभ सूरि | श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
156
102 | 1436 | माल्हणदे, उमादे
उपकेष ज्ञा.
श्री देव प्रभ सूरि
अ.प.जै.धा.प्र.म.
श्री पार्श्वनाथ पंचतीर्थी श्री पार्श्वनाथ
103
1437 | कूरदे
प्राग्वाट् ज्ञा.
श्री पूर्णाभद्र सूरि
अ.प.जै.धा.प्र.म.
1041456 | जयतलदे
| श्री धर्मनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
160
श्री जीरापल्ली श्री शांतिभद्र सूरि श्री धर्मतिलक सूरि
105 | 1456 | हीजलदे
श्री पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
161
106
1456 | झांज
पीपाडा गोत्र
श्री पूर्णचंद्र सूरि
श्री पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
61
107 | 1456 | भ्रूणल, भगिणि
छाजहड गोत्र | श्री शांतिसूरि
श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
1081456 | हीमादे, वइजलदे, हीरा
श्री धनदेव सूरि
श्री सुमतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
109 | 1457 | चंदा
मडाहड श्री मुनि प्रभ
श्री पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
सूरि
1101458 | रामादे, घिरा, जसमादे
प्रतिमा
अ.प.जै.धा.प्र.म.
मडाहड श्री मुनि प्रभ सूरि श्रीमान देव सूरि
111
1458 | भीचल, संसृलदे
श्री पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
61
112
1458| हांसलदे
भावडार श्री विजय सिंह | श्री सुमतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
सूरि
113
1458 | अनुपमदे
श्री माल ज्ञा.
श्री वासुपूज्य
अ.प.जै.धा.प्र.म.
श्री पिप्पलगच्छ उदयाणंद सूरि श्री सोमचंद्र सूरि
114 | 1460 नागल
श्री आदिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
1151462 | कर्मादे, सोनल
प्राग्वाट् ज्ञा.
| श्री आदिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
116 | 1462 | सीतादे
श्री महेन्द्र सूरि
श्री चंद्रप्रभ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
117
| 1462 | धारू
| श्री सूरि
श्री पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
162
1181463 | हांसलदे
प्राग्वाट् सूरि
श्री सूरि
श्री शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
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