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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
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६५. युवाचार्य मधुकर मुनि, भगवती सूत्र, भाग ३, शतक १२, उद्देशक २ पु. १२६-१२७ ६६. आचार्य हस्तीमलजी, जैन धर्म का मौलिक इतिहास, प्रथम भाग, प० १२६-१७ ६७. (अ) डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन, प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष और महिलाएं प. २३
(ब) डोशी रतनलाल, तीर्थंकर चरित्र, भाग ३ प. २७५ ६८. प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष एवं महिलाएँ प.७८-७६ ६६. (क) जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ प० ८१-८३
(ख) सु० डोशी रतनलाल जी तीर्थकर चरित्र भाग ३ प. २११ २१३-२१६. २२७-२२६ (ग) युवाचार्य मधुकर मुनि, निरयावलिका प. १२-२१. अनुत्तरौपपातिक वर्ग १
अ. ८.६. प. १० १००. युवाचार्य मधुकर मुनि, ज्ञातासूत्र प. १३-१०३ १०१. (अ) सु० डोशी रतनलाल जी, तीर्थकर चरित्र, भाग ३, प. ३१७-३२०
(आ) डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन, प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष और महिलाएँ. प. २३ १०२. डॉ. हीराबाई बोरडिया, जैन धर्म की प्रमुख साध्वियों एवं महिलाएँ प० ६२.६३ १०३. प्रो. प्रवीण जैन, जैन पुराण कोष, प. २२६ १०४. डॉ. हीराबाई बोरडिया, जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ प० ६५-६६ १०५. डॉ. हीराबाई बोरडिया, जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ प० १२८ १०६. सु० डोशी रतनलाल जी, तीर्थकर चरित्र भाग ३ प. २३६-२४१ १०७. (अ) आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन : खण्ड १, प० २३६-२४३ १०६. जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ प० ११४-११७ १०६. (क) जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग एक प० ६०६-६०७
(ख) जैन धर्म की प्रमुख साध्वियों एवं महिलाएँ, डॉ० हीराबाई बोरडिया, प० १२७–१२८
(ग) श्रमण महावीर, आचार्य महाप्राज्ञ, प०८३-८५ ११०. प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष एवं महिलाएँ प० २५ १११. जैन धर्म की प्रमुख साध्वियों एवं महिलाएँ प०७१ ११२. (अ) आचार्य श्री तुलसी जी श्रावक संबोध प० १८६-१८७
(ब) सु० डोशी रतनलाल जी, तीर्थंकर चरित्र, भाग ३. प. २७६-२८५ ११३. आचार्य श्री तुलसी जी, श्रावक संबोध प. १६१-१६३ ११४. मुनि नगराज, आगम और त्रिपिटक: एक अनुशीलन, खण्ड.१ प. १६४-१६७ ११५. सु० डोशी रतनलाल जी, तीर्थकर चरित्र, भाग ३, प. ३०६-३०८ ११६. युवाचार्य श्री मधुकर मुनि जी, भगवती सूत्र, खण्ड ३, शतक १२, उद्देशक २, प. १२६-१३७ ११७. डॉ. हीराबाई बोरडिया, जैन धर्म की प्रमुख साध्वियाँ एव महिलाएँ, प. १२६ ११८. युवाचार्य श्री मधुकर मुनि जी, ज्ञातासूत्र प. ३५८-३७३ ११६-१२० (अ) युवाचार्य श्री मधुकर मुनि जी, उवासगदशा अध्याय १ प. १२. ५८. ६०. वही अ. ३ प. १११–११६
(ब) सु० डोशी रतनलाल जी, तीर्थ च. भाग ३ प. २५८-२६१. २६५ १२१. युवाचार्य मधुकर मुनि, उवासगदशा अध्याय ५ प. १२५–१२८
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