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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास १.११ चित्र सं. (८) १६वीं शती की हस्तलिखित प्रति में चित्रित श्राविका कनावामात साधुनाजी जिलाप्रश्नोपा/श्राकाश्री राजनाशि एसपी देई अनुराज ताइकलपना सुबल म्रराज एक तरगतानिलोजी श्रीरंगचोरासीरगोजी साधामाहारिमा निलो' श्री जयतिलक सूरिश मोटामोट भूपताजी अणमैतेनाथाय वेधसोमण करें। जिनोदयसू २० नगे तिहारपूरच्या करी श्रायसूलिबा काजसूयो मायाजी सनबराज २१ एहवासानसुंसदका स चरित्रलार्थमचपईसंपूर्ण संवत कातीव दिपलितं मद्येनानैरामश्री क १.१२ चित्र सं. (१) भगवान् अरिष्टनेमि के समीप सुश्राविका महारानी देवकी द्वारा प्रश्न पच्छा व समाधान । ई. सन् की २०वीं शती । Jain Education International 99 • साधुओं से श्रावक व्रतों को धारण करती हुई श्राविका (चित्र साभार) श्री शहजादराय रिसर्च इंस्टीटयूट ऑफ इन्डॉलोजी बड़ौत में संग्रहित संवत् १८३५. (चित्र साभार) सं. श्री अमरमुनि सचित्र श्री अन्तकृद् दशा सूत्र प. ६६. के साथ संलग्न । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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