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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
१.११ चित्र सं. (४)
शालीभद्र एवं धन्ना के दीक्षित होने के पश्चात् दर्शनार्थ आई उनकी पत्नियाँ एवं माता।
१.११ चित्र सं. (५)
साधानशस्खलनाउसमानारश्वरामा
शालीभद्र के पूर्वभव की माता भद्रा ने अत्यंत प्रीति एवं भक्तिपूर्वक उन्हें दही बहराया।
(चित्र साभार) : सचित्र धन्ना-शालीभद्र चौपाई (संवत १८३७) पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी
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